पुलिस ने एक नकली गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो असली नोटों की जगह नकली नोट थमा देता था। यह मामला नागपुर का हैं। जालसाजों का यह पूरा गिरोह हाईटेक तरीके से काम करता था और सोशल मीडिया के जरिए लोगों से संपर्क कर उन्हें ठगता था। ये बदमाश अमीर बनने का लालच देकर लोगों को लूटते थे। पुलिस ने आखिरकार 4 लोगों को हिरासत में लिया हैं, और उनसे पूछताछ की जा रही है। इस गिरोह के पास से पुलिस ने 25 लाख रुपये के नकली नोट भी बरामद किये हैं।
अपराध का खुलासा कैसे हुआ?
दरअसल नागपुर का रहने वाला राहुल वासुदेव ठाकुर सोशल मीडिया के जरिए इस गैंग के संपर्क में आया। इस गैंग के कुछ लोगों ने वॉट्सऐप कॉल के जरिए उससे संपर्क किया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें 1 लाख रुपये के नोट के बदले 4 लाख रुपये के नोट मिलेंगे। उसने नोट छापने की मशीन होने का भी दिखावा किया। लेकिन राहुल को शक हुआ और उसने सीधे नागपुर पुलिस से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी।
पुलिस ने बदमाशों को दबोचने का बनाया प्लान
इसके बाद पुलिस ने योजना बनाई और राहुल ने गिरोह के सदस्यों से बात करना जारी रखा और नागपुर के सिताबर्जी इलाके में उनके दिए पते पर उनसे मिलने के लिए सहमत हो गया। फिर जब राहुल 80 हजार रुपये लेकर मौके पर पहुंचा तो गिरोह के सदस्य उस पर टूट पड़े और लूटपाट करने लगे। लेकिन वहां पुलिस टीम भी मौजूद थी, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सतीश ध्यानदेव गायकवाड़, गौतम राजू भलावी, शुभम सहदेव प्रधान और मोनू उर्फ शब्बीर को हथकड़ी लगा दी।
‘कई नोटों के बंडल किए जब्त’
पुलिस को बदमाशों के पास से नोटों के 44 बंडल मिले। इसमें केवल 500 रुपये के नोट थे, लेकिन गहमा-गहमी यह थी कि बंडल में केवल 500 रुपये का अगला और पिछला हिस्सा ही असली था, बाकी सभी नोट नकली थे। नकली नोटों पर चिल्ड्रेन बैंक ऑफ इंडिया लिखा हुआ था। पुलिस ने 25 लाख रुपये के नकली नोट जब्त किए हैं, जो 500 रुपये के नोटों की नकल हैं। उनके पास से छह मोबाइल फोन, चेन और अंगूठियां भी बरामद की गई हैं। इन गुंडों ने अब तक कितने लोगों को ठगा है? यह रैकेट कब से चल रहा हैं? इस बात की जांच चल रही है।