राष्ट्रीय युवा दिवस पर पीएम का संबोधन, बोले- स्वामी विवेकानन्द ने राष्ट्रीय भावना को जगाया

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय युवा दिवस पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित किया। सम्बोधन के दौरान महोत्सव के तीन राष्ट्रीय विजेता ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केन्‍द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री किरन रिजिजु भी शामिल रहे।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, वह फाइनल में पहुंचे विजेताओं के भाषण अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करेंगे। पीएम ने कहा कि, आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। आज का ये दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्बोधन के दौरान कहा कि, समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि, स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। व्यक्ति से संस्थाएं और संस्थाओं से व्यक्ति तक, ये चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि, स्वामी विवेकानन्द ने राष्ट्रीय भावना और चेतना को जगाया। उस समय आजादी के जंग लड़ रहे थे वो स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरित थे उनकी गिरफ्तारी के समय स्वामी विवेकानन्द का इतिहास से सम्बंधित साहित्य जरूर मिलती थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे। उन्होंने कहा कि, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र-निर्माण की दिशा में एक कदम है। हम एक इको-सिस्टम बना रहे हैं, जो हमारे युवाओं को यहां बेहतर अवसर देगा।

उन्होंने कहा कि, स्वामी जी ने शारीरिक और मानसिक शक्ति पर समान रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा – ‘लोहे की मांसपेशियां और स्टील की नसें’. उनकी शिक्षाओं से प्रेरित, हम विशेष रूप से भारतीय युवाओं की मानसिक और शारीरिक फिटनेस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक पर्यावरण और इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है।