सोमवार को देश के पीएम नरेन्द्र मोदी ने जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का आवरण किया। इस दौरन पीएम मोदी ने कहा कि पूरे विश्व को भारत ने हमेशा शांति, अहिंसा और बंधुत्व का सन्देश दिया है। यह वो सन्देश है जिस से पूरे विश्व को भारत से प्रेरणा मिलती है। इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब आप भारत के इतिहास पर नज़र डालोगे तो आप इस बात पर गर्व महसूस करेंगे कि जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है। भारत के हर कालखण्ड में कोई न कोई बड़ा संत का सानिध्य हमारे देश को प्राप्त हुआ है। जिस से समय समय पर हमारे देश को को दिशा दी है। आचार्य विजय वल्लभ जी ऐसे ही महान संत थे।
प्रधानमंत्री ने देश के संतो से अपील करते हुए कहा कि आज 21 वीं में मैं आचार्यों, संतों से एक आग्रह करना चाहता हूं कि जिस प्रकार आजादी के आंदोलन की पीठिका भक्ति आंदोलन से शुरु हुई वैसे ही संतो को मिलकर एक आत्मनिर्भर भारत की पीठिका तैयार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जो महापुरुष होते है वो जो बताते हैं, वही अपने जीवन में जीते हैं इसलिए उनके विचार अमर होते है।
आचार्य विजय वल्लभ जी कहा करते थे कि साधु, महात्माओं का कर्तव्य है कि वो अज्ञान, कलह, बेगारी, आलस, व्यसन और समाज के बुरे रीति रिवाजों को दूर करने के लिए प्रयत्न करें। आगे पीएम मोदी ने कहा कि उनके आशीर्वाद से आज जीवदया के लिए पक्षी हॉस्पिटल और अनेक गौशालाएं देश में चल रहीं हैं, ये कोई सामान्य संस्थान नहीं हैं, ये भारत की भावना के अनुष्ठान हैं, ये भारत और भारतीय मूल्यों की पहचान हैं।