असम की धरती से पीएम मोदी की हुंकार, बोले- भारत की चाय नहीं छोड़ सकते

Akanksha
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कोलकाता। आज पीएम मोदी असम पहुंचे, जहां उन्होंने एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि, हमारे देश के खिलाफ साजिश करने वाले इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि वो भारत की पहचान के साथ जुड़ी चाय को बदनाम करना चाहते है। इस संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज देश को बदनाम करने के लिए साजिश रचने वाले इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि भारत की चाय को भी नहीं छोड़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आपने खबरों में सुना होगा ये साजिश करने वाले कह रहे हैं कि भारत की चाय की छवि को बदनाम करना है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, योजनाबद्ध तरीके से भारत की चाय की छवि को दुनिया भर में बदनाम करना है। कुछ दस्तावेज सामने आए हैं, जिससे खुलासा होता है कि विदेश में बैठी ताकतें चाय के साथ भारत की जो पहचान जुड़ी है उस पर हमला करने की फिराक में हैं। हालांकि इस दौरान पीएम मोदी ने पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने का दावा करने वाली ग्रेटा थनबर्ग का जिक्र नहीं किया, न ही उसके डिलीट ट्वीट का जिक्र किया।

आपको बता दें कि इस विवाद की शुरुआत स्वीडन की जानी-मानी पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट से हुई थी। भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन पर ट्वीट करते हुए ग्रेटा थनबर्ग ने लिखा था कि “अगर आप किसानों की मदद करना चाहते हैं तो आप इस टूलकिट की मदद ले सकते हैं।” इस टूलकिट में भारत की योग, चाय और विश्वगुरु वाली छवि को नुकसान पहुंचाने की चर्चा की गई थी। हालांकि बाद में ग्रेटा ने इस पोस्ट को हटा दिया था लेकिन इससे पहले ही भारत में कई लोगों ने उसके ट्विटर पोस्ट का स्क्रीनशॉट ले लिया जो तुरंत वायरल हो गए।

वही रविवार को पीएम मोदी ने असम के ढेकियाजुली में एक रैली को संबोधित करते हुए इसकी चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि क्या भारत की चाय पर ये हमला आपको मंजूर है? इस हमले के बाद चुप रहने वाले मंजूर हैं आपको? क्या हमला करने वालों की तारीफ करने वाले आपको मंजूर है। पीएम मोदी ने कहा कि हर किसी को जवाब देना होगा, जिन्होंने हिन्दुस्तान की चाय को बदनाम करने साजिश रची है। उन्होंने कहा कि, “इन सभी राजनीतिक दलों को हिन्दुस्तान का चाय बगान जवाब देगा। देश के लोग जवाब देंगे। भारत की चाय पर किए जा रहे इन हमलों में इतनी ताकत नहीं है कि वे इन टी वर्करों का मुकाबला कर सकें।”

पीएम मोदी ने कहा कि, वे असम की धरती से इन षडयंत्रकारियों से कहना चाहते हैं कि वे चाहे जितनी मर्जी साजिश कर लें, देश इनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा। मेरा टी वर्कर इस लड़ाई को जीत रहेगा, इन हमलों में इतनी ताकत नहीं है कि वो हमारे टी गार्डन वर्कर का मुकाबला कर सकें।