नई दिल्ली: एक बार फिर देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने विश्व आर्थिक मंच के दावोस संवाद को संबोधित किया है। इस दावोस संवाद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश ने किस तरह कोरोना काल में डट कर इस महामारी का सामना किया था और अब देश में चल रहे सबसे बडे वैक्सीन के टीकाकरण की प्रक्रिया का भी ज़िक्र किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना काल जैसी परिस्थिति में भी भारत देश ने हार नहीं मानी और भारत ने दुनिया को दवाइयां भेजी और अन्य तरह की मदद केलिए भी सदैव तत्पर रहा है, ताकि वो भी महामारी से लड़ सकने में सक्षम हो सके।
इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि “भारत ने कोरोना काल में सबसे ज्यादा जान बचाई गयी है, साथ ही कोरोना काल में देश ने किस तरह अपना साथ दिया इस बारे में भी मोदी का कहना है कि “कोरोना से लड़ाई में भारत के प्रत्येक व्यक्ति ने धैर्य के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया, और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को एक जन आंदोलन में बदल दिया, इतना ही नहीं आज भारत दुनिया के उन देशों में से है जो अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल रहा है”
देश में कोरोना काल के लिए तैयार हुआ ख़ास इंफ्रास्ट्रक्चर-
इस संवाद में पीएम मोदी ने कहां कि “जब कोरोना आया तो मुश्किलें भारत के सामने भी कम नहीं थीं, पिछले साल मार्च-अप्रैल में दुनिया के नामी एक्सपर्ट ने क्या-क्या कहा था, किसी ने भारत में कोरोना संक्रमण की सुनामी आने की बात कही थी तो किसी ने दो मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत का अंदेशा जताया था, जिस पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ऐसे वक्त में भी खुद पर निराशा को हावी नहीं होने दिया, आज हालात देखकर भारत जैसे विकासशील देश के लिए दुनिया की चिंता भी जायज थी” साथ ही उन्होने बताया कि “हमारे कोरोना के लिए खास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया और लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग के लिए तैयार किया, और भारत के हर व्यक्ति ने धैर्य के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को एक जनआंदोलन में बदल दिया, जिसका परिणाम है भारत आज उन देशों में हैं जहां ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बच सका है।