प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का आगामी प्रसारण रविवार 27 फरवरी को होना है। हर माह की तरह इस बार भी केंद्र सरकार के माई गवर्मेंट द्वारा लोगों से मन की बात को लेकर उनके सुझाव और शिकायतें मांगी गईं। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने भारी संख्या में जन की बात रखकर अपनी शिकायतें-सुझाव पेश किए हैं। देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर तमाम यूजर्स ने स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार पेश किए हैं।
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केंद्र सरकार के माई गवर्मेंट हिंदी ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर अपने आधिकारिक हैंडल @MyGovHindi के जरिये बीते आठ फरवरी को एक पोस्ट की थी। इस पोस्ट में लिखा थाः मन में है देशहित से जुड़ा कोई सुझाव या उन्नत विचार, 27 फरवरी 2022 के #MannKiBaat एपिसोड के लिए साझा करें पीएम नरेंद्र मोदी के साथ। अपना सुझाव भेजने के लिए 1800-11-7800 डायल करें या विजिट करें:
इस पोस्ट के बाद देश भर के यूजर्स ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। कान्ति नामक एक यूजर ने अपनी पोस्ट में लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री जी कापुर देहात रासुलाबाद मे लाहरापुर रोड पर एक सरकारी अस्पताल था जिसमें पुरे गांव के लोग इलाज के लिए जाते थे परन्तु वह अस्पताल कई सालों से बंद पड़ा है कृपया उसे पुनः चालू करने की कृपा करें क्योंकि जच्चा-बच्चा के इलाज और बड़े आपरेशन के लिए पुरे गांव में कोई अस्पताल नहीं है जिसके कारण कई गभर्वती महिलाएं अपनी जान गंवा चुकी है कृपया करके उस पुराने अस्पताल को चालू करने की कृपा करें”
वहीं, शिक्षा व्यवस्था को लेकर जय जय श्री राम नामक एक यूजर ने कू ऐप पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “दोस्तों देश में सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द से जल्द लागू जल्द चाहिए और शिक्षा के क्षेत्रों में प्रत्येक क्लास रूमों मे कैमरे लगने चाहिए और मोबाइल फोन स्कूल के अन्दर मना होना चाहिए चाहे छात्र हो या शिक्षक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के द्वारा भेजे गये विकास कार्यों के पैसे की सही जानकारी क्योंकि आवास के लिए आ रहे पैसों में आज भी ग्राम प्रधानों के जरिये रिस्वत का खेल चल रहा है”
प्रोफेसर और लेखर चन्दन दूबे नाम के एक यूजर ने स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप कू पर मन की बात कार्यक्रम के लिए सुझाव देते हुए लिखा, “आदरनीय मोदी ,मेरा सुझाव हैं की पुलिस विभाग को समवर्ती सूची में शामिल किया जाय, आज समय की मांग हैं की पुलिस को कुछ और अधिकार दिया जाय ,वर्तमान अधिकार से पुलिस को कार्य करने में असुविधा हो रही हैं, साइबर अपराध को रोकने के लिए भी यह आवश्यक हैं की पुलिस समवर्ती सूची में शामिल हो,”
एक यूजर रश्मी ने कू ऐप पर लिखा, “प्रधानमंत्री जी हम आपके वोटर आपसे मांग करते हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण कानून की”
सदानंद पीडी बर्नवाल नामक एक यूजर ने सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री जी नमस्कार, पीएसीएल मामले को भी मन की बात में शामिल करने की कृपा करें, सेबी के द्वारा छः वर्षों से लगातार निवेशकों को ठगा महसूस कर रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर छः महीने में भुगतान करने का आदेश दिया था जिसे छः साल बीत जाने पर भी पांच करोड़ पचासी लाख निवेशकों से मात्र दस लाख लोगों को भुगतान किया गया। अतः प्रधान सेवक महोदय कृपया संज्ञान में लेते हुए गरीबों को मदद करें।”
एक यूजर कमेश्वर पटेल ने अपना सुझाव देते हुए लिखा, “भारत सरकार स्किल इंडिया डेवलपमेंट कार्य क्रम के अंतर्गत भारत के सभी उच्च विद्यालयों में स्किल डेवलपमेंट कार्य क्रम शुरू करने का प्रावधान सरकार को करना चाहिए।केवल दसवीं, बारहवीं के सामान्य शिक्षा से गांव की विकास नही होगा।मूलभूत इंफ्रा स्ट्रक्चर को गांव में विकसित करना जरूरी है।तभी ग्रामीण क्षेत्र में विकास संभव है।आज भी भारतीय गांव मनीऑर्डर पर निर्भर है।स्किल डेवलपमेंट ही नही उत्पाद तैयार हो।”