नई दिल्ली: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से फ़ोन पर बात की साथ ही कोरोना वायरस और बाढ़ से जुड़े हालातों की जानकारी ली। जहा एक तरफ कोरोना संक्रमणकी रफ़्तार तेज़ी से बढ़ते जा रही है वही दूसरी और बढ़ से भी देश के कई राज्य बेहाल है, जिसके चलते विपक्ष की तरफ से कई सवाल खड़े हो रहे है। साथ ही इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) का कहना है कि देश के कुछ इलाकों में कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है।
बात चीत के दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। तो वही असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस बातचीत के बारे में ट्वीट के जरिये बताया कि पीएम मोदी ने बाढ़ के कारण पैदा हुए हालात से निपटने के लिए रविवार को असम को हरसंभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कोविड-19 संबंधी स्थिति और ऑयल इंडिया के बागजान गैस कुएं में आग बुझाने के जारी प्रयासों की भी जानकारी ली। बता दें कि असम में बाढ़ के चलते अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है।
देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे है। देश में संक्रमितों का आकड़ा 10 लाख के पार हो चूका है जो की बहुत चिंताजनक बात है। हालांकि देश में स्वस्थ होने वाले मरीजों की भी संख्या बढ़ती जा रही है, जो की एक रहत की बात है। लेकिन महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में हालात दिनोंदिन खराब होते जा रहे हैं। जिसके चलते विपक्ष भी सवाल खड़े कर रहा है। वही राकांपा सुप्रीमो शरद पावर ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर बनाने से कोरोना खत्म हो जाएगा। किस बात को महत्व देना चाहिए ये तय करना होगा। हमें लगता है कि पहले कोरोना को खत्म किया चाहिए। लॉकडाउन की वजह से आर्थिक नुकसान हो रहा है केंद्र सरकार को उस पर भी ध्यान देना चाहिए।