प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लिया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मानवता अभी वैश्विक महामारी से जूझ रही है. अभी जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा खत्म नहीं हुआ है.
दुनियाभर के लोगों के लिए एक जीवंत वास्तविकता है, महामारी ने लोगों के जीवन और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तेज गति से और बड़े पैमाने पर ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बखूबी अपना काम कर रही है, इसके लिए साल 2030 तक 450 गीगा वॉट का हमारा महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, एक जिम्मेदार विकासशील देश के रूप में भारत इस लड़ाई में सतत विकास का खाका बनाने के लिए भागीदारों का स्वागत करता है.
कोरोना महामारी के चलते इस जलवायु शिखर सम्मेलन में 40 देशों के नेता वर्चुअल माध्यम के जरिए हिस्सा ले रहे हैं, शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी सहित 40 देश के नेताओं को आमंत्रित किया है, बैठक में पाकिस्तान को न्यौता नहीं दिया गया है.