निजीकरण को लेकर बोले पीएम मोदी-“कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में”

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नई दिल्ली: बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन को लेकर आज शाम को एक वेबिनार के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि “सरकार का व्यापार में रहने का कोई काम नहीं है, साथ ही पीएम ने इस बात भी जोर दिया है कि”सरकार का ध्यान लोगों के कल्याण और विकास से जुड़ी परियोजनाओं में ही रहना चाहिए” इस वेबिनार में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने देश में हो रहे निजीकरण को लेकर भी बहुत सी बाते बताई है।

वेबिनार में पीएम ने कहा है “बीते वर्षों में हमारी सरकार ने भारत को बिजनेस के लिए एक अहम डेस्टिनेशन बनाने के लिए निरंतर रिफॉर्म्स किए हैं, आज भारत वन मार्केट-वन टैक्स सिस्टम से युक्त है, आज भारत में कंपनियों के लिए एंट्री और एग्जिट के लिए बेहतरीन माध्यम उपलब्ध हैं” साथ ही उन्होंने कहा है कि ‘सरकार खुद व्यापार चलाए, उसकी मालिक बनी रहे, आज के युग में न ये आवश्यक है, न ये संभव रहा’ साथ ही इस वेबिनार में में पीएम मोदी ने बजट 2021-22 की भी तारीफ की और कहा कि इसमें भारत को ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई गई है।”

साथ ही इस बार के बजट को लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि ‘इस बजट ने फिर से भारत को तेज गति से विकास की दिशा में ले जाने के लिए स्पष्ट रोडमैप सामने रखा, बजट में भारत के विकास में प्राइवेट सेक्टर की मजबूत साझेदारी पर भी ध्यान दिया गया है, पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी के अवसर और लक्ष्यों को स्पष्ट तौर पर सामने रखा गया है.’

 

देश में निजीकरण पर पीएम मोदी ने कहा है कि ” आज देश में कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं और कइयों को करदाताओं के पैसे से मदद दी जा रही है और ऐसे में बीमार सार्वजनिक उपक्रमों को वित्तीय समर्थन से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है, सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं” और इस बात पर जोर देते हुए पीएम ने आगे कहा है कि ‘सरकार जब व्यापार करने लगती है तो बहुत नुकसान होते हैं निर्णय लेने में सरकार के सामने बंधन होते हैं, सरकार में वाणिज्यिक निर्णय लेने का अभाव रहता है सभी को आरोप और कोर्ट का डर रहता है. इस कारण सोच रहती है कि जो चल रहा है उसे चलने दो ऐसी सोच के साथ व्यापार नहीं हो सकता’