नई दिल्ली। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का विधि-विधान से शिलान्यास और भूमि पूजन किया। शिलान्यास के बाद इसके निर्माण के औचित्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, नए भवन में 21 वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।
वही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वार मेमोरियल ने राष्ट्रीय पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा। आने वाली पीढ़ियां नए भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करते हुए इसका निर्माण होगा। ”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, नए संसद भवन में अनेक नई चीजें की जा रही हैं, जिससे सांसदों की दक्षता बढ़ेगी। उनके वर्क कल्चर में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे। उन्होंने कहा कि, सांसदों से मिलने के लिए उनके संसदीय क्षेत्र से लोग आते हैं, अभी जो संसद भवन है, उनमें लोगों को बहुत दिक्कत होती है। जनता को अपनी कोई परेशानी, अपने सांसद को बतानी है तो इसके लिए संसद भवन में स्थान की कमी महसूस होती है। भविष्य में प्रत्येक सांसद के पास सुविधा होगी कि वह अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से यहीं परिसर में व्यवस्थित रूप से मिल सकेंगे।
बता दे कि, अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है ताकि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो। नया संसद भवन अगले सौ साल की जरूरतों को पूरा करेगा। यह कुल 971 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। वही पुराने संसद भवन की तुलना में इसमें ज्यादा कमेटी रूम और पार्टी ऑफिस होंगे।