प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस ने भारत के रामेश्वरम के पास कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया है। इससे हर भारतीय नाराज है और यह तय हो गया है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। पीएम ने कच्चाथीवू पर एक आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर यह बात कही।
इस आरटीआई रिपोर्ट में बताया गया है कि 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को उपहार में दे दिया था। प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में कहा कि कांग्रेस पिछले 75 वर्षों से भारत की एकता और अखंडता को कमजोर करने का काम कर रही है।
तमिलनाडु बीजेपी चीफ के. अन्नामलाई ने कच्चाथीवू के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई दाखिल की थी, इससे पता चलता है कि साल 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका के राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। RTI से पता चला कि इंदिरा गांधी ने यह समझौता तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव प्रचार को देखते हुए किया था।
अमित शाह का हमला:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने स्वेच्छा से कच्चाथीवू द्वीप छोड़ा था और उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं है। कभी कांग्रेस सांसद देश को बांटने की बात करता है तो कभी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बदनाम करता है। इससे पता चलता है कि वे भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं, वे केवल हमारे देश को विभाजित करना या तोड़ना चाहते हैं।