प्रधानमंत्री ने किया महात्मा गांधी के सपनों को पूरा : कमल पटेल

Shivani Rathore
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इंदौर (Indore News) : देश को आजादी 1947 में मिल गई थी मगर देश के गांवों को असली आजादी अब प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री ग्राम स्वामित्व योजना देश भर में प्रभावी हो चुकी है तथा मध्यप्रदेश में 5 अक्टोबर को हरदा जिले से इसकी शुरूआत हो जाएंगी। यह आजाद भारत की सबसे बड़ी ग्रामीण योजना है और इसी का सपना महात्मा गांधी ने देखा था। यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कही। वे शुक्रवार को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। पटेल ने कहा कि आसमान से महात्मा गांधी जी भी अपना आर्शिवाद दे रहे होंगे कि आजादी अमृत महोत्सव के मौके पर उनका सपना पूरा होने जा रहा है।

मुट्ठी भर लोगों को मिल रहा था लाभ –
पटेल ने कहा कि बैंकों से उद्योगों अथवा अन्य कामों के लिए लोन की सुविधा शहर के मुट्ठीभर लोगों को मिल रही थी। इस योजना के माध्यम से अब यह अधिकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी मिलेंगा। संपत्ति तारण रख वो भी ज्यादा से ज्यादा बैंक लोन लेकर अपनी आर्थिक समृध्दि का मार्ग प्रशस्त कर पाएंगे। पटेल ने कहा कि किसान की उपज को हर वक्त सही दाम नहीं मिलते। कई बार मौके आते है कि उसे उसकी उपज मंडी में लाने से बेहतर सड़क पर फैक देने में भलाई दिखती है। ऐसे किसान खुद बाय प्रोडेक्ट तैयार करने के उपक्रम खुद खड़े कर सकते है ताकि और ज्यादा लाभ कमा सके।

खुलेंगे आर्थिक तरक्की के रास्ते –
कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि ग्राम स्वामित्व योजना के जरिए गांवों और किसानों की आर्थिक तरक्की के रास्ते खुलेंगे। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी तक गांवों की संपत्ती का मालिकाना हक नहीं हुआ करता था। कारण ग्रामीणों के घर, खेत अथवा खुली भूमि का कोई रिकार्ड नहीं होता था। सरकार ने देश के छह लाख गांवों का सर्वे करवाया लिया है। इस सर्वे के आधार कर हर संपत्ति का स्वामित्व तय किया जाएंगा। इसी आधार पर ग्रामीण खास कर किसानों को गाइड लाइन के आधार पर बैंक लोन प्राप्त हो जाएंगा। इसी लोन के माध्यम से किसान अन्य धंधे रोजगार स्थापित कर पाएंगे। पटेल ने कहा कि गांवों की तस्वीर बदली है मगर वहां की संपत्ति की वैल्यू नहीं है क्योंकि ग्रामीणों का उस पर कब्जा तो है मगर अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री जी ने इसी विसंगती को ध्यान में रखते हुए ग्राम स्वामित्व योजना को तैयार किया है। बैंकों के पास अकूत पैसा है और अब यही पैसा ग्रामवासियों की तरक्की में लगेगा।

क्या है ग्राम स्वामित्व योजना –
केंद्र सरकार ने देश के गांवों की समीक्षा करने के बाद इस योजना को तैयार किया था। 1 फरवरी 2021 को बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना के जरिए देश के गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिया जा रहा है। इस योजना का मकसद संपत्ति का मालिकाना हक तय करना है। केंद्र सरकार का दावा है कि यह योजना ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद मदद करेगी। आमतौर पर गांवों में होने वाले संपत्ति विवाद में यह योजना मददगार होगी। क्योकि सारा रिकॉर्ड डिजिटली रिकॉर्ड होने की वजह से विवाद का जल्द समाधान संभव होगा। खास बात यह है कि अभी तक जिन ग्रामीणों अथवा किसानों को सिर्फ कृषि आधारित योजना के तहत नाम मात्र का ऋण मिलता था उन्हें उनकी संपत्ति की गाइड लाइन के आधार पर ऋण उपलब्ध हो जाएंगा।