श्री गोविंदराम सेकसरिया तकनीकी विज्ञान संस्थान(एसजीएसआईटीएस) का खेल मैदान इन दिनों विवादों में घिर गया है। यह सारा विवाद शुरु हुआ है कॉलेज के डायरेक्टर द्वारा खेल मैदान का नामकरण पूर्व छात्र-क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोषी के नाम पर करने से। प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को शिकायत करने वालों का कहना है कोई भी निर्णय लेने से पहले शासी निकाय को विश्वास में लेना था जो नहीं किया गया। पूर्व छात्र सुशील दोषी के नाम और उनके द्वारा इंदौर को पहचान दिलाने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह निर्णय एकतरफा है।
कमेंटेटर सुशील दोषी ने एसजीएसआईटीएस के डायरेक्टर प्रो राकेश सक्सेना को हाल ही में प्रकाशित अपनी किताब ‘आंखों देखा हाल’ भेंट की थी। इसी दौरान डॉ सक्सेना ने पूर्व छात्र दोषी के क्रिकेट जगत में योगदान और कॉलेज सहित इंदौर का नाम रोशन करने पर कॉलेज के प्ले ग्राउंड का नाम सुशील दोषी के नाम पर करने की घोषणा कर दी थी।डायरेक्टर द्वारा की गई इस घोषणा का दस साल एल्युमिनाई अध्यक्ष रहे इंजीनियर मुकेश चौहान ने विरोध करने के साथ ही शासी निकाय चेयरमेन-तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को लिखित शिकायत कर दी है।गवर्निंग बॉडी में शासन के प्रतिनिधि सदस्य भी विरोध में उतर गए हैं। एल्युमिनाई के पूर्व अध्यक्ष अतुल सेठ, वर्तमान अध्यक्ष, सचिव भी डायरेक्टर द्वारा लिए गए एकतरफा निर्णय से सहमत नहीं हैं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री परमार को एल्युमिनाई के पूर्व अध्यक्ष चौहान ने यह शिकायत की
एसजीएसआईटीएस एल्यूमिनाई के दस साल (2004-14) तक अध्यक्ष रहे इंजीनियर मुकेश चौहान ने प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह चौहान को संस्थान के डायरेक्टर द्वारा बाले-बाले लिए निर्णय के खिलाफ पत्र लिख कर शिकायत की है।
इस शिकायत में इंजी मुकेश चौहान ने लिखा है संस्थान के नियमित निदेशक का पद रिक्त रहने के कारण डॉ राकेश सक्सेना कार्यभार सम्हाल रहे हैं। उन्होंने संस्थान के खेल मैदान का नाम बिना शासी निकाय की पूर्व अनुमति के सुशील दोषी के नाम कर दिया गया है।
पत्र के साथ चौहान ने अखबारों में प्रकाशित समाचार की कटिंग लगाने के साथ कहा है कि संस्थान के कार्यभारित निदेशक डॉ सक्सेना ने स्वविवेक से एकतरफा निर्णय लेकर 20 अप्रैल को खेल मैदान का नामकरण पद्मश्री सुशील दोषी के नाम कर दिया है।सुशील दोषी 1968 बैच के हैं, प्रसिद्ध क्रिकेट कमेंटेटर रहे हैं और मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के सहपाठी हैं।
मैं एसजीएसआईटीएस एल्यूमिनाई एसों का 2004 से 2014 तक अध्यक्ष रहा हूं।संस्थान के पूर्व छात्रों में डायरेक्टर के इस निर्णय को लेकर बहुत रोष है।संस्थान में किसी भी कार्यस्थल, भवन, प्रयोगशाला का एक नीतिगत निर्णय के तहत किसी के भी नाम पर आज तक नामकरण नहीं किया गया है।संस्थान के उपरोक्त स्थलों का नामकरण किसी व्यक्ति के नाम पर यदि करना ही हो तो संस्थान के संस्थापक, निदेशकों जैसे डॉ दासगुप्ता, डॉ धवलीकर, डॉ रंगनाथन, डॉ जेपी श्रीवास्तव आदि के नाम पर होना चाहिए।
इंजी मुकेश चौहान का कहना है सुशील दोषी का संस्थान के विकास में या तकनीकी के क्षेत्र में विशेष तो दूर कुछ भी सहयोग नहीं है।संस्थान के कार्यभारित निदेशक द्वारा स्वविवेक से लिया गया एकतरफा निर्णय संस्थान के शासी निकाय की पूर्वानुमति के बिना है।अत: इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। पत्र में तकनीकी शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया गया है कि कार्यभारित निदेशक को उपरोक्त निर्णय वापस लेने के आदेश जारी करें और उन्हें उचित समझाइश भी दें।इस पत्र की प्रतिलिपि चौहान ने निदेशक डॉ राकेश सक्सेना और एल्यूमिनाई के वर्तमान अध्यक्ष संदीप कंसल को भी भेजी है।
संदीप कंसल अध्यक्ष, (एसजीएसआईटीएस एल्यूमिनाई एसोसिएशन ) बोले मैं फिलहाल भारत में नहीं हूं।मुकेश चौहान जी का पत्र मुझे वॉटसएप पर मिला है।अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।भारत लौटने के बाद जब डायरेक्टर डॉ सक्सेना से मेरी मुलाकात होगी तब ही पता चलेगा कि यह अनाउंसमेंट उन्होंने ऑफिशियल किया है या पर्सनल लेवल पर।इससे ज्यादा मैं आप से कुछ नहीं कह पाऊंगा।
गवर्निंग बॉडी की बैठक में प्रस्ताव नहीं आया
शासी निकाय में शासन के प्रतिनिधि मिलिंद दांडेकर ने कहा किसी भी व्यक्ति का नामकरण करना हो तो यह गवर्निंग बॉडी की मंजूरी के बाद ही फायनल होता है। गर्वनिंग बॉडी की बैठक 20 मई को हुई थी लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया।गवर्निंग बॉडी की अगली बैठक मामला आएगा तो इस विषय पर चर्चा करेंगे।
हमारा यही कहना है कि डायरेक्टर एकतरफा निर्णय नहीं कर सकते।हर निर्णय नियमानुसार होता है।टीचर्स एसोसिएशन की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।कॉलेज परिसर में स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा लगाने संबंधी निर्णय भी गवर्निंग बॉडी की मंजूरी से ही हुआ था।
डायरेक्टर डॉ राकेश सक्सेना बोले
हॉस्टल के बीच में स्पोर्टस ग्राउंड हमारा है। डे स्कॉलर और होस्टल छात्रों के बीच मैदान का विवाद खत्म करने के लिए स्पोर्टस कमेटी ने जो नाम सुझाए उसमें सुशील दोषी का नाम भी सामने आया।कमेटी ने नाम प्रपोज किया है, नाम फायनल नहीं हुआ है, इसे मंजूरी गवर्निंग बॉडी की बैठक में ही मिलना है।सुशील दोषी ने हिंदी कॉमेंटरी में पहचान बनाई है, उनके नाम पर कमेंटेटर बॉक्स भी बना है।विश्व में उनका नाम है पहचाना जाता है यह इंदौर के लिए भी गौरव की बात है।
एल्युमिनाई के पूर्व अध्यक्ष अतुल सेठ ने चर्चा में कहा कोई भी निर्णय पहले गर्वनिंग बॉडी से पास होना चाहिए। प्ले ग्राउंड का नामकरण मनमाना और एकपक्षीय निर्णय है। सुशील दोषी जी के नाम पर आपत्ति नहीं है, डायरेक्टर ने जो प्रक्रिया अपनाई वह गलत है।
यह निर्णय हमारी गैरमौजूदगी में हुआ है।मैं भी बाहर था, अध्यक्ष भी भारत से बाहर हैं, गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में विषयनहीं आया।तकनीकी शिक्षा मंत्री जीबी के चेयरमेन हैं , वो जो निर्णय लेंगे वही सब को मान्य होगा। -गिरीश गुप्ता वर्तमान सचिव एल्युमिनाई।