मालवांचल विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित हुआ पौधारोपण कार्यक्रम

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इंदौर। पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति को संतुलन करने के लिए पेड़ लगाना बहुत जरूरी है। बिना पेड़ जीवन की कल्पना संभव नहीं है। इंडेक्स कैंपस में स्थित मालवांचल विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए भव्य रूप से पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, मालवांचल विश्वविद्यालय के कुलपति एन के त्रिपाठी, प्रो चांसलर डॉ. राम गुलाम, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जी. एस. पटेल, एडिशनल डायरेक्टर आर. सी. यादव, इंडेक्स नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. स्मृति सोलोमन, पीएसएम एचओडी डॉ. अरोरा, डिप्टी डायरेक्टर डॉ. चित्रा खिरबढ़कर, चीफ कोऑर्डिनेटर कोविड डॉ. दीप्ती सिंह हाड़ा, डेंटल कॉलेज के डॉ. धीरज शर्मा और इंडेक्स ग्रुप के सभी संस्थानों के प्रमुख के साथ ही फैकल्टी, पीजी स्टूडेंट्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ के सदस्य भी मौजूद थे। खास बात यह रही कि इस दौरान सभी लोगों ने पौधों के रखरखाव पर ध्यान देने पर भी जोर दिया।

मालवांचल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एन के त्रिपाठी ने कहा कि “इंडेक्स परिवार में मेडिकल, डेंटल, पैरामेडिकल, आरबीसी, नर्सिंग और अन्य स्टाफ के सदस्यों ने मिलकर पौधारोपण किया है। साथ ही हम सभी ने मिलकर यह भी तय किया है कि लगाए गए पौधों की देखभाल करना है और आने वाले समय में इस तरह के पौधारोपण कार्यक्रम को जारी रखना है।”

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जी. एस. पटेल ने बताया कि “वृक्षारोपण का उद्देश्य विश्वविद्यालय के साथ-साथ आसपास के इलाके को हरा भरा व स्वच्छ रखना है। साथ ही यदि हम ग्रीनरी बढ़ाएंगे तो यह पूरे पर्यावरण के लिए बहुत ही सकारात्मक कदम होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमें आज के दिन सिर्फ पेड़ लगा देने भर से संतोष नही कर लेना चाहिए। बल्कि लगाए गए पेड़ की देखभाल आने वाले वर्षों तक करना भी अत्यंत आवश्यक है।”

प्रो चांसलर डॉ. राम गुलाम ने कहा कि “हमने आज सभी के साथ मिलकर विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया है, जिसे हम आगे भी जारी रखेंगे। वृक्ष जीवनदायिनी हैं, ऑक्सीजन देने वाले हैं। कोरोना काल में हम लोग ऑक्सीजन का महत्व देख-समझ चुके हैं। मिट्टी एवं जल संरक्षण तथा पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन में पेड़ों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए पूरे मानसून सीजन में आगे भी इस तरह पौधारोपण किया जाएगा।