इंदौर : मिनी मुंबई के नाम से जाने जाने वाले मध्यप्रदेश के शहर इंदौर अब बड़े औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बनाने जा रहा है। जी हाँ, आपको जानकार ख़ुशी होगी कि पीथमपुर के आसपास अब शत प्रतिशत जगह उद्योगों के लिए आरक्षित हो चुकी है। गौरतलब है कि लंबे समय से नई जगह की तलाश की जा रही थी, जो की अब मिल चुकी है।
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इंदौर द्वारा औद्योगिक उपयोग हेतु इंदौर एवं धार के 44 ग्रामों की 12450.45 हेक्टेयर सरकारी भूमि का चयन नए उद्योगों के लिए कर लिया है। उक्त भूमि से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की उत्तरी सीमा से लगे एन 59 और दक्षिण सीमा से लगा राष्ट्रीय राजमार्ग 3 एवं बीच में महू नीमच मार्ग भी गुजरता है। यहां से रेलमार्ग 23.4 किमी की दूरी के साथ 90 एमएलडी नर्मदा क्षिप्रा से जल भी नियोजित किया जासकेगा।
प्रोत्साहन के तहत शासन द्वारा देपालपुर के किशनपुरा, बेटमा खास, बेटमा खुर्द, अंबापुर, बजरंगपुरा, रणमल बिल्लोद, काली बिल्लोद, सगमपुर के अलावा कुछ निजी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। लंबे समय से उद्योगपति इंदौर के आसपास ही उद्योगों के लिए जमीन चाह रहे हैं। पीथमपुर में जगह अब न होने के कारण इसी क्षेत्र का औद्योगिक विकास किया की जा रहा है, जिसके अंतर्गत 12450 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण उद्योगों के लिए किया गया है।
इसमें किशनपुरा गांव की 28.698 की हेक्टेयर, और बेटमा खास की 2.78 हेक्टेयर, बेटमा खुर्द की 1.219 हेक्टेयर, बीजेपुर की 9.292, – अंबापुरा की 17.081, बजरंगपुरा की 89.204 और सबसे ज्यादा जमीन रणमल बिल्लोद की ली गई है , यहां अधिकांश जमीन पूरी तरह शासकीय है। इसमें बड़ी मात्रा में जमीन चरनोई की जमीन भी उद्योगों के लिए ले ली गई है। यहां कुल 1 40 .703 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है वही काली बिल्लोद में 79.2 36 हेक्टेयर जमीन ली गई है ।इसके अलावा सलमपुर की 92. 809 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
उद्योगपतियों को राहत
देश के बड़े उद्योगपतियों कीइंदौर के आसपास उद्योग लगाने की प्राथमिकता इसलिए भी है कि इंदौर में सारी सुविधाएं मौजूद है। विमान सेवा से चंद घंटों में आया जा सकता है। साथ ही लदान भी बड़ी राहत रहती है।