उज्जैन व ग्रामीण परियोजना में पायलट प्रोजेक्ट लागू, मोरिंगा की पत्तियों से दूर होगा कुपोषण

Share on:

उज्जैन: उज्जैन शहर में व उज्जैन ग्रामीण क्षेत्र में कुल 2700 कुपोषित बच्चों को कुपोषण से निकालने के लिए मोरिंगा(सुरजना) की पत्तियों से पोषण दिया जाएगा । इसके लिए उज्जैन शहर व ग्रामीण में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा । कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में आज महिला बाल विकास अधिकारियों की एवं विकास खंड चिकित्सा अधिकारियों की बैठक में इस आशय के निर्देश दिए। बैठक में राज्य खाद्य आयोग के सदस्य  किशोर खंडेलवाल भी मौजूद थे ।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण से मुक्ति के लिए महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ विभाग के अमले को अधिक मेहनत करना पड़ेगी । इसके लिए काउंसलिंग , जनभागीदारी एवं पंचायतों का शामिल होना आवश्यक है।
बैठक में राज्य खाद्य आयोग के सदस्य किशोर खंडेलवाल ने कहा कि मोरिंगा की पत्तियों के ग्रेन्युल बनाकर कुपोषित बच्चों को सेवन कराये जाने से 10 से 20 दिन में ही अच्छे परिणाम मिलते हैं ।

उन्होंने साथ ही अभ्यंग उपचार को भी अपनाने का सुझाव दिया। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महावीर खंडेलवाल , महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला परियोजना समन्वयक गौतम अधिकारी एवं स्वास्थ्य तथा महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी विकास खंड चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे ।