इंदौर: आईआईएम इंदौर के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (PGP);पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (PGPHRM); इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (4th ईयर) और फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम 2020) की नई बैच की शुरुआत 08 अगस्त, 2020 को हुई । मुख्य अतिथि मैकिंसे के सीनियर पार्टनर श्री जॉयदीप सेनगुप्ता थे। इस कार्यक्रम आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो.हिमाँशु राय; प्रो.रंजीत नंबूदिरी, डीन-प्रोग्राम्स; प्रो. रोहित कपूर, चेयर-पीजीपी; कर्नल जी.जी. पामिडी (सेवानिवृत), मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सहित संकायऔर स्टाफमौजूद रहे ।
रजिस्ट्रेशन 2020:
Gender | IPM 4 | PGP 1 | PGPHRM 1 | FPM 1 | Total |
Female | 41 | 199 | 16 | 08 | 264 |
Male | 67 | 297 | 18 | 17 | 399 |
Total | 108 | 496 | 34 | 25 | 663 |
प्रो. राय ने प्रतिभागियों को वर्तमान परिस्थितियों में महामारी के दौरान नए अवसरों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित किया। ‘मेरा मानना हैकिCOVID कोदूरदर्शिता यानि ऑपरच्युनीटी, आत्मनिरीक्षण यानिइंट्रोस्पेकशन और खोज यानि डिस्कवरीके अवसर के रूप में भी देखा जा सकता है। आईआईएम इंदौर का मिशन प्रासंगिक रहने के साथ ही विश्व स्तर के शैक्षणिक मानकों को धारण करना औरऐसे मेनेजर और छात्र बनाना है जोसामाजिक रूप से जागरूक और संवेदनशील हैं। हमारेपाठ्यक्रम इस मिशन के अनुरूप हैं जो हमें हमारे‘विज़न’ में मदद करतेहैं’। उन्होंने छात्रों को अपने आस-पास के वातावरण से अपने संबंधों को समझने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे उनकी वास्तविक पहचान हो सके और वेअवसरों की पहचान कर राष्ट्र में योगदान कर सकें। उन्होंने प्रतिभागियों को स्वयं को समझने और अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री सेनगुप्ता ने अपने जीवन के अनुभवों से तीन प्रमुख सीखें साझा कीं। उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए स्वयं के कार्यों के लिए जिम्मेदार होने की जरूरत है। ‘अब तक आपने चाहे जितने भी सुरक्षित वातावरण में रहे हों, इस नई यात्रा से आने वाले परिणामों के लिए आपको स्वयं जिम्मेदारी लेनी होगी। इसलिए जो भी काम करें, ध्यान रखें कि उसके परिणाम के लिए भी आप ही जिम्मेदार होंगे’, उन्होंने कहा।
छात्रोंको प्रोत्साहित करते हुए, श्री सेनगुप्ता ने कहा कि एक नेता होना एक पूर्णकालिक काम है। इसमें कोई आराम या विराम कीगुंजाइश नहीं है। एक सफल नेता बनने के लिए दो चीज़ें महत्वपूर्ण हैं – सामने वाले हर अवसर कोअपनाएंऔर हमेशा एक कदम आगे सोचें – हर काम यह मान कर चलें कि आप इसे बेहतर कर सकते हैं ।
जीत और असफलता की चर्चा करते हुए, श्री सेनगुप्ता ने कहा कि हम अक्सर अपनी ताकत पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपनी कमजोरियों को सुधारने की कोशिश में अधिक ऊर्जा बर्बाद करते हैं। ‘अपने आप को जानें- आपको किस चीज़ से ख़ुशी मिलती है और कौनसी चीज़ आपको दुःख देती है, इसे समझें – इसी समझ से आप सफल होंगे ’, उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि विनम्रता और साहस का मेल सफल होने के लिए जरूरी है।
नई बैच को फिर संस्थान की सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। ऑनलाइन कक्षाएं 11 अगस्त, 2020 से शुरू होंगी।