Pfzer Vaccine: टीका लगने के बाद सामने आए मौत के मामले, अमेरिका-नॉर्वे में जांच शुरू

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नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए अमेरिका के फ्लोरिडा में फाइजर की कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी। जिसके कुछ हफ्ते बाद ही एक डॉक्टर की मौत हो गई। हालांकि अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि, मौत वैक्सीन लगाए जाने की वजह से हुई है या किसी और वजह से। वही मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लोरिडा के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मियामी के अधिकारी मौत की जांच कर रहे हैं। वही फाइजर का कहना है कि उसे व्यक्ति की मौत की जानकारी है और वह भी जांच कर रही है।

आपको बता दे कि, फ्लोरिडा के 56 साल के डॉक्टर ग्रेगरी मिशेल की मौत 4 जनवरी को हेमरैजिक स्ट्रोक से हुई। डॉ. ने 18 दिसंबर को वैक्सीन लगाई गई थी। वही, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, वह मामले की जांच करके अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल को जानकारी भेजेगा जो कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा संबंधी डेटा को रिव्यू कर रहा है।

वही डॉक्टर ग्रेगरी मिशेल की पत्नी हेदी नेकेलमैन ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि, वैक्सीन लगाए जाने के तीन दिन बाद ही स्किन पर कुछ निशान हो गए थे जिससे इंटरनल ब्लीडिंग के संकेत मिले। बाद में डॉक्टर के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या काफी घट गई थी।

वहीं, फाइजर ने आपने एक बयान में कहा है कि, वह मामले की जांच कर रहा है, लेकिन फिलहाल कंपनी का मानना है कि वैक्सीन और मौत का सीधा कनेक्शन नहीं है। कंपनी ने आगे कहा कि, न तो ट्रायल और न ही अब तक किसी और व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगाने पर Thrombocytopenia की समस्या हुई है।

वहीं दूसरी ओर नॉर्वे ने नर्सिंग होम में रहने वाले दो लोगों की मौत के बाद जांच शुरू कर दी है। आपको बता दे कि, ये दोनों लोगो ने फाइजर की वैक्सीन लगवाई थी। नॉर्वे की मेडिसन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टीनर मैडसन ने बताया है कि, वैक्सीन लगाए जाने के कुछ दिन बाद मौतें हुईं। उन्होंने कहा कि जो लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और सबसे अधिक खतरे का सामना कर रहे हैं, उन्हें वैक्सीन लगाई गई है।

साथ ही नॉर्वे की मेडिसीन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर ने कहा कि, आशंका है कि वैक्सीन लगाए जाने के कुछ समय बात मौतें होंगी। अब हमें जांच करना होगा कि ये मौतें वैक्सीन से हुई हैं या फिर वैक्सीन लगाए जाने के बाद मौत की घटना महज संयोग है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, वैक्सीन की वजह से मौत के एक भी मामले की अब तक पुष्टि नहीं हुई है।