भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ ईवीएम का उपयोग करके डाले गए वोटों के पूर्ण क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इस फैसले को भयंकर निराशा कहा है। सरकार ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, पिछले 8-10 वर्षों में तीन मोदी-भक्तों को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाकर चुनाव आयोग का सार्वजनिक सम्मान कम हो गया है। हे भगवान 100% टैली हो जाए तो गिरेंगे नहीं!
Terrible disappointment
— as Supreme Ct rejects 100% verification of EVM votes with Paper Slips of VVPAT!
Election Commission has sunk in public esteem in last 8-10 years with 3 of Modi-bhakts as Chief ECs.
Heavens would not fall if 100% tally is done! https://t.co/alwaiuyxou— Jawhar Sircar (@jawharsircar) April 26, 2024
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन वीवीपैट पर्चियों का 100% सत्यापन होना चाहिए। याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि ईवीएम और वीवीपैट में प्रोग्राम करने योग्य चिप्स होते हैं जिनमें वोटों में हेरफेर करने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम लोड किया जा सकता है।
एक्स प्लेटफॉर्म पर भूषण ने कहा, हमने सुप्रीम कोर्ट से कहा था, या तो कागजी मतपत्रों पर वापस जाएं, या मतदाता को वीवीपैट पर्ची मतपेटी में डालने के लिए दें और फिर वीवीपैट पर्चियों की गिनती करें, या वीवीपैट मशीन में लाइट चालू रखें। और सभी पर्चियों की गिनती करें। आज केवल 2% वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने आज हमारी मांगों को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दो सहमति वाले फैसले सुनाए और मामले में सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।