हाईकोर्ट के आदेश के तहत भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के खतरनाक कचरे का निपटान धार के पीथमपुर में किया जा रहा है। इस कचरे के निपटान से होने वाले संभावित दुष्प्रभावों पर आधारित वैज्ञानिक रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग के साथ एक याचिका नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में दायर की गई है। इस पर सोमवार को सुनवाई की संभावना जताई जा रही है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पी. जी. नाजपांडे द्वारा दायर की गई याचिका में यह कहा गया है कि भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड का खतरनाक कचरा धार जिले के पीथमपुर में लाकर नष्ट किया जा रहा है। याचिका में यह भी चेतावनी दी गई है कि इस कचरे के निपटान से जलवायु और जल स्रोतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिसका प्रत्यक्ष असर मानव समुदाय पर पड़ेगा।
याचिका में यह कहा गया है कि जहरीले कचरे के निपटान से उत्पन्न होने वाले नकारात्मक प्रभावों पर वैज्ञानिकों से रिपोर्ट की मांग की गई थी।
वैज्ञानिक रिपोर्ट की सार्वजनिकता की मांग
याचिका में यह आग्रह किया गया है कि वैज्ञानिकों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और इसे समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि जहरीले कचरे के विनष्टीकरण में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। प्रमुख सचिव से शपथ पत्र के साथ एक सार्वजनिक घोषणा करने की अपील की गई है। इसके अतिरिक्त, यह भी मांग की गई है कि जहरीले कचरे के विनष्टीकरण से लोगों के स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, इस संबंध में संबंधित अधिकारी एक सार्वजनिक घोषणा-पत्र जारी करें। यह याचिका अधिवक्ता प्रभात यादव के माध्यम से दायर की गई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई की संभावना है।