इंदौर : जल, जंगल, जमीन सबके लिये अनिवार्य और अपरिहार्य है। जल है, तभी सबका कल सुरक्षित है। भारत सरकार ने इस तथ्य को अंगीकृत किया और हर घर जल की स्थायी व्यवस्था के लिये जल जीवन मिशन प्रारंभ किया। इस मिशन के तहत अब तक देश के करीब 14 करोड़ 40 लाख 47 हजार से अधिक घरों में स्थायी नल कनेक्शन दिये गये हैं। मध्यप्रदेश के 53 हजार 417 गांवो के करीब 67 लाख से अधिक घरों में जल-नल कनेक्शन दिये जा चुके हैं।
महिलाओं को गांव में ही मिल रहा काम
इंदौर जिले के देपालपुर ब्लॉक के झलारिया गांव की सीताबाई बताती है कि पानी लाने के लिए उनके गांव की महिलाओं को घंटों जद्दोजहद करनी पड़ती थी। बहुत दूर से पानी ढोने की थकान से स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा था। झलारिया गांव में जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल की लाइन पहुंचने के बाद उन्होंने ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को अपनी सेवाएं देने की इच्छा जताई। समिति ने उन्हें पंप ऑपरेटर बनाने के साथ ही गांव से जल कर एकत्र करने की जिम्मेदारी सौंपी।
सीताबाई ने काम संभालते ही पूरे गांव को तय समय पर और आवश्यकतानुसार पानी पहुंचाया। साथ ही गांव वालों को बताया कि जल कर जमा कराने से नल-जल योजना का रखरखाव और विस्तार भी आसानी से हो सकेगा। सीताबाई के प्रयासों से गांव वाले जल कर चुकाने के लिये सजग हुए और सीताबाई ने शुरुआत में ही 1.79 लाख रुपए जल कर एकत्र किए और समिति के खाते में जमा करा दिए।
अब सीताबाई बेहद खुश हैं कि पंप ऑपरेटर की जिम्मेदारी मिलने से गांव को पानी सप्लाई अच्छी तरह से हो पा रही है। साथ ही मानदेय मिलने से वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हो गई हैं। जल कर का भुगतान हो जाने से गांववालों के प्रति ग्राम समिति का विश्वास भी बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन से हर साल औसतन 30 लाख से अधिक लोगों को योजनाओं के संचालन और रखरखाव संबंधी रोजगार मिल रहा है।
आईआईएम बेंगलुरु के एक सर्वेक्षण के अनुसार इस मिशन के लागू होने के पांच सालों में ही हर साल लगभग एक करोड़ 47 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार पैदा किया जा सका है।