हमारे देश के लोगों में फॉरेन कंट्री के मुकाबले जल्दी उम्र में हार्ट संबंधित समस्या सामने आती है, वही बिगड़ती लाइफस्टाइल और खानपान इसे और बढ़ा देता है – डॉ. गिरीश कवठेकर सीएचएल एंड डीएनएस हॉस्पिटल

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इंदौर। हम भारतीयों में कम उम्र में हार्ट से संबंधित समस्या ज्यादा देखने को सामने आती है। विदेशों में आमतौर पर 60 साल के बाद हार्ट संबंधित समस्या देखने को मिलती है वही हमारे यहां 30 से 40 साल की उम्र में भी कई प्रकार की हार्ट संबंधित समस्या देखी जाती है। इसके कई कारण है लेकिन हमारे खान-पान में बदलाव होने के चलते भी इस प्रकार की बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है। बात अगर हमारे इंदौर शहर की कि जाए तो यहां पर फास्ट फूड का चलन बहुत ज्यादा है। लोगों द्वारा यहां पर बर्गर, सेव, कचोरी, समोसे और अन्य फास्ट फूड का ज्यादा सेवन किया जाता है जो कि हार्ट पर अपना गलत प्रभाव छोड़ता है। लोगों में इन सब चीजों को लेकर अवेयरनेस तो बड़ी है लेकिन हमें इस दिशा में और कार्य करने की जरूरत है। वही कोविड के बाद हमारे कार्य का पैटर्न बदल गया है वर्क फ्रॉम होम की वजह से हमारी लाइफ स्टाइल सिडेंट्रि हो गई है। हमारी जिंदगी से व्यायाम और खेलकूद बहुत कम हो गया है। इन सब चीजों के चलते स्ट्रेस, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं कॉमन हो गई है। जिसके कारण हार्ट संबंधित कई प्रकार की समस्याएं सामने आती है। इसी के साथ बिगड़ती लाइफ स्टाइल में स्मोकिंग और टोबैको के सेवन से भी हार्ट से संबंधित समस्या सामने आ रही है। यह बात डॉक्टर गिरीश कवठेकर ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित सीएचएल एंड डीएनएस हॉस्पिटल में फिजीशियन कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं

सवाल. हार्ट से संबंधित प्रिवेंशन किस तरह लिए जा सकते हैं, लोगों द्वारा हार्ट संबंधित समस्या होने पर क्या गलती की जाती है?

जवाब. मैं कार्डियोलॉजी में डील करने के साथ में लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रिवेंशन पर भी कार्य करता हूं जिसके तहत में लोगों को भविष्य में हार्ट से संबंधित समस्या का सामना ना करना पड़े इसके लिए कई प्रकार की जानकारी भी देता हूं। वहीं अगर हार्ट से संबंधित समस्या हो जाए तो उसे कैसे रिहैबिलिटेट करें इसकी भी इंफॉर्मेशन देता हूं। में रोजाना अपने पेशेंट और उनके साथ आने वाले व्यक्तियों में कम से कम 100 लोगों से मिलता हूं। और उन्हें इससे संबंधित समस्या और इसके सिम्टम्स के बारे में जानकारी प्रदान करता हूं कि किस तरह आप अपने खानपान पर कंट्रोल, पौष्टिक आहार लेने, व्यायाम, स्ट्रेस फ्री लाइफ और अन्य चीजों को फॉलो कर आप इन समस्याओं से बच सकते हैं। लोगों द्वारा कई बार हार्ट संबंधित शुरुआती सिम्टम्स सामने आने पर इसे गैस या अन्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है जो कि गलत है। हार्ट से संबंधित शुरुआती लक्षण की अगर बात की जाए तो पैदल चलने पर सांस फूलना सीने में दर्द, भारीपन लगना और अन्य प्रकार की समस्याएं शामिल है इसे नजरअंदाज करने के बजाय अपने डॉक्टर के पास जाकर इसकी जांच करवानी चाहिए। ताकि सही समय पर ट्रीटमेंट कर इसे ठीक किया जा सके।

सवाल. क्या हार्ट संबंधित समस्या दूसरी बीमारियों के कारण भी होती है?

जवाब. हार्ट से संबंधित समस्या की अगर बात की जाए तो कई बार यह समस्या दूसरी बीमारियों के चलते भी सामने आती है जिसमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, उम्र बढ़ना, फैमिली हिस्ट्री, बढ़ता मोटापा और अन्य प्रकार की समस्याएं इसे बढ़ावा देती है। इस प्रकार की समस्याएं होने के बाद लोगों को अपना एक रुटीन चेकअप करवाना चाहिए ताकि शुरुआती दौर में ही इन बीमारियों से होने वाली हार्ट संबंधित समस्या अगर हो तो उसे पकड़कर उसका इलाज किया जा सकें।

सवाल. एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी क्या है?

जवाब. एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी दो अलग-अलग प्रकार की चिकित्सा प्रक्रियाएं हैं जो रक्त वाहिकाओं से संबंधित हैं। एंजियोग्राफी का उपयोग संभावित हृदय की स्थिति के लिए आपके रक्त वाहिकाओं की जांच करने के लिए किया जाता है इसी के साथ एंजियोप्लास्टी में समस्या का इलाज करने के लिए संकुचित धमनियों को चौड़ा करना शामिल होता है।एंजियोप्लास्टी में बलून के माध्यम से हार्ट के ब्लॉकेज को डायलेट कर दिया जाता है। वही हार्ट का वॉल सिकुड़ा हुआ हो तो उसे भी बलून की मदद से फूला दिया जाता है। पहले यह इतना कॉमन नहीं था यह आजकल बहुत ज्यादा कॉमन हो गया है। वही आज टेक्नोलॉजी में बहुत ज्यादा इंप्रूवमेंट हुआ है। धमनी में रुकावट की स्थिति में बड़ी सर्जरी से बचने के लिए एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया की जाती है। कार्डियोलॉजी में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की शुरुआत चोइथराम और सीएचएल हॉस्पिटल में करने का श्रेय हमारी टीम को ही जाता है।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फ़ील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की हैं?

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पूरी की। वही मैंने डीएनबी की ट्रेनिंग मुंबई से की है। इसी के साथ पेरिस से मैने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में फेलोशीप की है। मैंने इंदौर आने के बाद शहर के कई प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी है। कार्डियोलॉजी फील्ड में मैं कई सालों से अपनी सेवाएं दे रहा हूं इस फील्ड में मुझे अपने बेहतर परफॉर्मेंस के लिए कई अवार्ड और पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। वर्तमान में मैं शहर के प्रतिष्ठित सीएचएल एंड डीएनएस हॉस्पिटल मैं फिजिशियन कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।इसी के साथ मैं अपने साकेत नगर स्थित कवथेकर क्लीनिक पर भी अपनी सेवाएं देता हूं।