इंदौर। शहर के हर चौराहे पर सिग्नल के साथ साथ दूसरे सांकेतिक चिन्ह लगे हैं। लेकिन लोग इसे फॉलो नहीं करना चाहते हैं। सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम लेफ्ट वाली लाइन पर खड़े रहने से होता है। शहर के हर चौराहे पर सिग्नल हैं, वहीं कई मुख्य चौराहों पर टाइमर भी लगे हैं। हर सिग्नल पर लेफ्ट में रोड को खाली रखा जाता हैं ताकि लेफ्ट में जाने वाले आसानी से निकल सकें लेकिन लोग पूरे रोड़ पर गाडियां फैलाकर खड़े हो जाते हैं। जिस वजह से जिन्हें लेफ्ट में जाना होता है उन लोगों को भी सिग्नल खुलने का वेट करना पड़ता हैं। जिस वजह से ट्रैफिक में लंबा जाम लगता हैं। अगर बात लेफ्ट लाइन पर खड़े होने और लेफ्ट का रास्ता ब्लॉक होने की करी जाए तो इससे लगभग 30 प्रतिशत लोग बेवजह वहां खड़े रहते हैं जो कि सिग्नल खुलने पर आगे बढ़ पाते हैं।
शहर में अगर बात ट्रैफिक की करी जाए तो इसकी बेहतरी के लिए प्रशासन सतत प्रयास कर रहा है। लेकिन लोगों को ट्रेफिक सेंस नहीं होने से आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न होती हैं। वहीं रात के समय में ऑफिस और अन्य व्यवसाय से घर लोटते समय इस तरह की समस्या सामने आती हैं। अगर बात लेफ्ट टर्न रोड पर वाहन आने की स्थिति शहर के एलआईजी, खजराना चौराहा, विजय नगर, पलासिया, भंवर कुआ, बड़ा गणपति, कालानी नगर, पाटनीपुरा और शहर की अन्य जगह पर इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती हैं।
कई बार लेफ्ट टर्न पर गाडियां रोकने से ट्रैफिक जाम की ऐसी समस्या सामने आती हैं। लेफ्ट टर्न के इंडिकेशन और स्टॉपर रखवाए जाते हैं, इसके बावजूद लोग वाहन खड़े कर देते हैं। एक चौराहे पर चार लेफ्ट टर्न होते हैं। लोगों में स्वच्छता की तरह ट्रैफिक को लेकर भी जागरूकता होना जरूरी है।
अनिल कुमार पाटीदार एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक इंदौर