KYC अपडेट के नाम पर हो रही हैं लोगों से धोखाधड़ी, इन तरीकों से खुद को रखें सुरक्षित

srashti
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How to stay safe from KYC scams : आजकल साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सरकार इन अपराधों को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अपराधी हर बार नया तरीका अपना लेते हैं। हाल ही में साइबर अपराधी केवाईसी (KYC) के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के जरिए अपराधी निजी जानकारी एकत्र कर, लोगों के नाम पर लोन लेने और अन्य अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि यह धोखाधड़ी कैसे की जा रही है और इससे बचने के क्या तरीके हो सकते हैं।

क्या है KYC

KYC (Know Your Customer) एक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों की पहचान सत्यापित करना है। इस प्रक्रिया में ग्राहक से उनका नाम, पता, पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज़ मांगे जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहक वास्तविक है और उसकी पहचान सत्य है। यह प्रक्रिया सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है और इससे वित्तीय धोखाधड़ी और धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलती है।

साइबर अपराधी कैसे कर रहे हैं धोखाधड़ी?

साइबर अपराधी केवाईसी के नाम पर लोगों से पर्सनल जानकारी और दस्तावेज़ जुटाते हैं। सबसे पहले ये अपराधी लोगों को KYC अपडेट करने का झांसा देते हैं। इसके बाद, लोग अपना पर्सनल डेटा जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक विवरण, और अन्य संवेदनशील जानकारी साझा कर देते हैं। इसके बाद अपराधी इन दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए लोन के लिए आवेदन करते हैं या फिर अवैध ट्रांजैक्शन करते हैं।

इन अपराधियों द्वारा इन दस्तावेजों में छेड़छाड़ की जाती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को यह पता नहीं चलता कि उनके नाम पर कोई गैर-कानूनी गतिविधि हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, ग्राहक को भारी नुकसान हो सकता है, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी तब तक नहीं मिलती जब तक यह मामला गंभीर नहीं हो जाता।

साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपाय

यह धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • अपनी निजी जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्थान से अपनी निजी जानकारी (जैसे कि पिन नंबर, OTP, आधार, पैन कार्ड संख्या) कभी भी साझा न करें।
  • KYC संबंधित जानकारी का सत्यापन करें: यदि कोई आपसे KYC से संबंधित जानकारी मांगता है, तो पहले उस संस्थान से इसकी पुष्टि करें। कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था अपने ग्राहकों से कभी भी OTP, पासवर्ड, या पिन नंबर नहीं मांगती है।
  • अधिकारी के रूप में धोखाधड़ी: कई बार साइबर अपराधी सरकारी अधिकारी या बैंक अधिकारी बनकर लोगों से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों में सतर्क रहना जरूरी है और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को जानकारी न दें।
  • वेरीफाइड ऐप्स का उपयोग करें: हमेशा आधिकारिक और सुरक्षित स्रोत से ही ऐप्स डाउनलोड करें और उन्हें इंस्टॉल करने से पहले परमिशन न दें।
  • आधार और पैन कार्ड साझा न करें: अपने आधार और पैन कार्ड नंबर को किसी भी व्यक्ति से शेयर न करें, क्योंकि इनका दुरुपयोग किया जा सकता है।
  • साइबर क्राइम की रिपोर्ट करें: यदि आप किसी साइबर अपराध का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करें।