बिहार की राजनीती में मिथिलांचल व सीमांचल की सीट का सरकार बनाने में बहुत महत्व रहता है। जिस पार्टी ने इस इलाके में मेहनत कर लिया उसकी सरकार बनना लगभग तय ही माना जाता है। अभी तक बिहार की राजनीती के इतिहास में भी यह देखा गया है की जिस पार्टी का इस इलाके में अधिक दबदबा रहता है, उसकी ही सरकार बनती है। बिहार के अंतिम चरण चुनाव में इसी इलाके में वोटिंग होना है। इस कारण बीजेपी इस इलाके में अपना सारा दमखम लगा रही है। बीजेपी तीसरे चरण के लिए 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
बीजेपी की साख दांव पर
पिछले साल बीजेपी ने इस इलाके में 19 सीटों पर अपनी जीत बनाई थी। और अगर साल 2010 में देखे तो इन 35 सीटों में से भाजपा के खाते में 27 सीटें आई थीं। उस साल बीजेपी ने कुल 91 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। और बीजेपी साल बीजेपी की उम्मीद रहेगी की ज्यादा से ज्यादा सीट जीत कर सत्ता की राह आसान करे।
2010 में इन सीटों पर जीती थी बीजेपी
वर्ष 2010 में बीजेपी ने अपना चुनाव जदयू के साथ लड़ा था। उस समय बीजेपी ने मनगर(सु), नरकटियागंज, रक्सौल, मोतिहारी, चिरैया, रीगा, बथनाहा(सु), परिहार, बेनीपट्टी, खजौली, नरपतगंज, फारबिसगंज, सिकटी, बायसी, बनमनखी(सु), पूर्णिया, कटिहार, प्राणपुर, कोढ़ा(सु), सहरसा, दरभंगा, हायाघाट, केवटी, जाले, औराई, मुजफ्फरपुर व पातेपुर(सु) पर विजय प्राप्त की थी।
2015 में इन सीटों पर जीती थी बीजेपी
वर्ष 2010 में बीजेपी ने अपना चुनाव जदयू से अलग हो लेकर लड़ी थी और बीजेपी ने मात्र 19 सीटों में जीत प्राप्त की थी। बीजेपी ने 2015 में रामनगर(सु), बगहा, लौरिया, रक्सौल, मोतिहारी, चिरैया, बथनाहा, परिहार, छातापुर, फारबिसगंज, सिकटी, बनमनखी, पूर्णिया, कटिहार, प्राणपुर, दरभंगा, जाले, कुढ़नी व मुजफ्फरपुर सीट पर जीत दर्ज की थी।