आम आदमी पार्टी ने मेडिकल टीचर्स एसोसिशन और प्रशासनिक अधिकारियों की आपसी स्वार्थपरता में मरीजों को हो रहे नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त की हे. विदित हे की मेडिकल कॉलेजों से संबंधित सभी अस्पतालों में इंदौर कमिश्नर द्वारा अस्पतालों के संचालन एवम समन्वय के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति का आदेश दिया है जिसका मेडिकल टीचर्स एसोसिशन विरोध कर रहा है प्रदेश के सबसे बड़े एम वाय अस्पताल और संबंधित अस्पतालों में बिगड़ी हुई व्यवस्था और मरीजों को हो रही परेशानी की तरफ कोई ध्यान नही दे रहा हे जो कि अमानवीय और असंवेदनशील हे.प्रदेश की स्वास्थ सेवाए बहुत बुरी स्थिति में हे सरकारी अस्पतालों में कई जांचों के लिए मरीजों को निजी संस्थानों से महंगे दामों में जांच करानी होती हे,
अस्पतालों में मरीज के रिश्तेदार खुद स्टेचर लेकर इलाज के लिए भटकते रहते हे. कई स्वास्थ सेवाए ऊंचे दामों पर निजी हाथों में दे दी गई हे जो ठीक से काम नही करते हे,मरीज को निजी संस्थानों में इलाज के लिए बाध्य किया जाता हे ,आर्थिक रूप से परेशान मरीज मजबूरी में अपनी क्षमताओं से ज्यादा खर्च करता हे.प्रदेश के अस्पतालों में 60 प्रतिशत डॉक्टरों की कमी हे.पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के डॉक्टरों को प्रशासनिक कामों में लगाया गया है जिससे स्वास्थ सेवाओं पर असर पड़ रहा हे.मध्यप्रदेश का स्वास्थ बजट 12000 करोड़ रुपए और चिकित्सा शिक्षा विभाग का बजट 3000 करोड़ रुपए होने के बावजूद प्रदेश की स्वास्थ व्यवस्था बदहाल स्थिति में हे.
आप प्रदेश प्रवक्ता हेमंत जोशी ने बताया की चिकित्सक एसोसिएशन और प्रशासनिक अधिकारियों ने आपसी समन्वय से स्वास्थ सेवाओं की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए तथा अनावश्यक किसी के क्षेत्र में दखल न देते हुए मरीजों को उच्च गुणवतापूर्ण स्वास्थ सुविधा मिले यह सुनिश्चित करना चाहिए. आम आदमी पार्टी सबसे अत्यावश्यक मूलभूत सुविधा स्वास्थ और शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए जानी जाती हे तथा स्वास्थ सेवाओं की गुणवता के लिए प्रतिबद्ध