पेरेंट्स न करें ये गलतियां, बच्चों का कॉन्फिडेंस कम करती हैं ये बातें, कहीं आप भी तो नहीं करते ऐसा

Meghraj
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Parenting Mistakes : माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देते हैं। बच्चों के जन्म के साथ ही माता-पिता की पूरी जिंदगी उनके लिए समर्पित हो जाती है। उनका मुख्य उद्देश्य बच्चों को अच्छी शिक्षा, संस्कार, और सुख-सुविधाएं देना होता है। हालांकि, परवरिश का सही मतलब केवल बच्चों की शारीरिक जरूरतों को पूरा करना नहीं है, बल्कि उनके मानसिक और नैतिक विकास में भी योगदान देना है।

बच्चों की परवरिश में आम गलतियां

कई बार माता-पिता जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनसे बच्चों का आत्मविश्वास प्रभावित होता है। इन गलतियों को पहचानकर उन्हें सुधारने की आवश्यकता है ताकि बच्चों का मानसिक और भावनात्मक विकास सही दिशा में हो सके।

बच्चों की बार-बार गलतियां निकालना

बच्चों के हर छोटे-बड़े काम में गलतियां निकालने से उनके आत्मविश्वास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब माता-पिता हर समय उन्हें टोकते रहते हैं, तो बच्चों को यह महसूस होने लगता है कि वे किसी भी काम में सक्षम नहीं हैं। यह सोच उनके मन में अपने प्रति नकारात्मक भाव पैदा करती है और वे नए काम सीखने या प्रयास करने से कतराने लगते हैं।

क्या करें:

बच्चों की कोशिशों की सराहना करें और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। गलतियों को सुधारने का तरीका सिखाएं, न कि उन्हें बार-बार दोषी ठहराएं।

बच्चों की तुलना करना

अक्सर माता-पिता अपने एक बच्चे की तुलना दूसरे से या पड़ोस के बच्चों से करते हैं। यह बच्चों के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है। तुलना से बच्चों को ऐसा लगता है कि वे दूसरे बच्चों की तरह अच्छे नहीं हैं, जिससे उनका आत्मसम्मान और आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है।

क्या करें:

हर बच्चे की विशिष्टताओं को पहचानें और उनकी कोशिशों की प्रशंसा करें। याद रखें, हर बच्चा अनोखा होता है और उसकी अपनी खूबियां होती हैं।

बच्चों की भावनाओं को न समझना

माता-पिता कई बार बच्चों की भावनाओं को अनदेखा कर देते हैं, यह सोचकर कि बच्चे अभी छोटे हैं और उनकी भावनाएं महत्वहीन हैं। लेकिन ऐसा करने से बच्चों के मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

क्या करें:

बच्चों की भावनाओं को समझें और उन्हें महत्व दें। उनकी बातों को गंभीरता से सुनें और उन्हें यह अहसास दिलाएं कि उनके विचार और भावनाएं मायने रखती हैं।

सही परवरिश का मतलब

सही परवरिश का मतलब केवल बच्चों की भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करना नहीं है, बल्कि उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना भी है। बच्चों के साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाएं, उन्हें सीखने और बढ़ने का अवसर दें, और उनकी हर छोटी-बड़ी सफलता का जश्न मनाएं।

माता-पिता के लिए सुझाव

  • बच्चों की हर कोशिश की सराहना करें।
  • उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
  • तुलना करने से बचें और उनकी खूबियों पर ध्यान दें।
  • सकारात्मक और उत्साहवर्धक माहौल बनाएं।
  • बच्चों की गलतियों से सीखने का अवसर दें।