Parenting Tips: बच्चा है अधिक गुस्सैल या करता है बदतमीजी तो बहस ना करें, इस तरह बात करने से सुधरेगी आदत

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हर माँ-बाप अपने बच्चो को अच्छे संस्कार देना चाहते है। मगर, यह कार्य चुनौतीपूर्ण होता है। जब तक किसी की उम्र कम होती है उसे समझाना, सिखाना आसान होता है। जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ती है, उसे समझाना मुश्किल होता चला जाता है। इसके साथ ही उम्र के साथ बच्चे के विचार,व्यवहार में बदलाव आने लगते हैं।

हालाँकि, इसका एक अहम हिस्सा बचपन की सीख और समझ ही होती है। इसीलिए हर माँ-बाप के लिए यह जरुरी है कि वह अपने बच्चो को सही संस्कार दें। बच्चा कई बार अपने माता-पिता या किसी बड़े से बदतमीजी करने लगता है, इसके जवाब में माता-पिता उसे डांट देते है। मगर, माँ-बाप के इस व्यवहार से बच्चा और ज्यादा बदतमीज बन सकता है। आइए जानते है कि अधिक गुस्सैल या बदतमीज कर रहे बच्चे को कैसे सुधारे या जवाब दें।

बच्चों से प्यार से बात करें:

जैसे माता-पिता का व्यव्हार रहता है वैसे ही बच्चे भी बर्ताव करते है। इसीलिए जब बच्चें बदतमीज़ करें या गुस्से में हों, तो आप उस वक़्त उनके शांत होने का इंतज़ार करें। एक बार उनके शांत होने के बाद उन्हें प्यार से समझाएं ना की उन पर गुस्सा करें।

बच्चों से बहसबाजी ना करें:

हम सब ने सुना है कि बच्चा बेहद जिद्दी होता है, वह अपनी बात मनवाकर ही मानता है। इसीलिए उससे कभी बहस या बदतमीजी ना करें। आपके बहस करने से बच्चा भी बहसबाजी करने लगेगा और बात कभी खत्म नहीं होगी। इसीलिए उस वक़्त बच्चें के शांत होने का इंतज़ार करें। जब वह कहें तो उसकी बातें ध्यानपूर्वक सुनें।

बच्चों की मन की बात समझें:

जब बच्चा कोई अजीब व्यवहार करें या बदतमीज़ी करें तो उसके व्यवहार की वजह जानें। अगर वह किसी बात से नाखुश या असंतुष्ट है, तो उसकी मन की बात जानकार उसे समझाए। उस वजह को समाप्त कर बच्चें को खुश करें।