दिल्ली NCR: कोरोना काल में पुरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था जिसका असर सभी विभागों पर पड़ा था लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित विभागों में से एक शिक्षा विभाग था जोकि कोरोना महामारी के वजह से पूर्ण रूप से बंद हो गया था, लेकिन बच्चो की पढाई हेतु देश ने ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम E-लर्निंग का सहारा लिया था जिसके बाद सभी बच्चे अपने घरो पर ही इंटरनेट एप्प की सहायता से अपनी पढ़ाई को जारी रखे हुए थे, लेकिन इस कठिन परिस्थिति का फायदा उठाते हुए कुछ लोगो ने ठगी को अंजाम दिया है, जिसमे से एक बड़ा अजीब मामला दिल्ली एनसीआर का है जहा ऑनलाइन शिक्षा एप्प के नाम पर एक व्यक्ति को ठगा गया है।
ये मामला गाजियाबाद का है जहा एक नामी फाइनेंस कंपनी ने ऑनलाइन क्लास के नाम पर लिए गए डॉक्युमेंट्स पर ही गलत तरीके से लोन जारी कर दिया था जिसका खुलासा अब हुआ है। बैंक से मिली जानकारी के बाद दिलदार को पता चला कि जो लोन की तारीख है वो उस दिन की डॉक्यूमेंट देने की तारीख है, जिस पर उन्हें शक भी हुआ।
दरअसल ये ठगी गाजियाबाद के रहने वाले दिलदार सिंह की है जो एक किसान है इनके मुताबिक कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उनके एक बेटे के मोबाइल पर एक्स्ट्रा मार्क्स एजुकेशन ऐप से कुछ सवाल आने शुरू हो गए थे बेटे ने जब उस ऐप पर चार-पांच बार जवाब भेजा तो उस कंपनी से एक कॉल आई, कॉल करने वाला शख्स ने कहा कि आपका लड़का टेस्ट पास कर लिया है इसलिए हमलोग कम खर्च पर उसको अच्छी पढ़ाई देंगे, और इसके दो दिन बाद ही कंपनी के लोग घर आकर 35 हजार रुपये में 12वीं तक ऑनलाइन पढ़ाई की बात करने लगे। लेकिन दिलादर को इस बात की जानकारी बिलकुल नहीं थी उनके नाम पर किसी ने लोन लिया है।
जाने माने एजुकेशन एप्प पर की ठगी- ठगी
इस ठगी के बारे में किसान ने बताया कि “शुरुआत में उन्होंने बच्चे की पढ़ाई के नाम पर 5 हजार रुपये तो दे दिए और इसके साथ-साथ एक फॉर्म पर भी साइन कर दिया, इसके बाद उन लोगों ने बैंक की अकाउंट की डिटेल, लेटेस्ट स्टेटमेंट के साथ आधार की फोटो कॉपी भी मांगी, और बच्चे की ट्रायल क्लास का नाम लेकर ये सब किया गया लेकिन बच्चे को ट्रायल क्लास में कुछ न समझ आने पर क्लास बंद कर दी गई, इस बात को लेकर ही कंपनी वालों से बहस हुई फिर वे लोग भी मान गए।
महीनो बाद मिली EMI कटने की खबर
इन सब के बाद जब दिलदार काम से बैंक गए तो पता चला कि हर महीने उनके खाते से 2 हजार रुपये कट रहे हैं, तब उन्हें बताया गया कि आपके बैंक से बजाज फाइनेंस की EMI काटी जा रही है और इसके बाद जब दिलदार ने बजाज फाइनेंस के ब्रांच में पता किया तो पता चला कि उनके नाम पर 11 मार्च को 50 हजार रुपये और 13 मार्च को 30 हजार का लोन लिया गया। इसके बाद दिलदार सिंह ने गाजियाबाद पुलिस को भी लिखित शिकायत दी, लेकिन काफी दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो दिलदार सिंह को कोर्ट जाना पड़ा। और इतने महीनो बाद कल यानि कि शुक्रवार को कोर्ट के आदेश के बाद गाजियाबाद के मसूरी थाने में एकस्ट्रा मार्क्स एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और बजाज फाइनैंस कौशांबी ब्रांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।