Pankaj Udhas Biography : 51 रुपए का इनाम और संगीत की शुरुआत, जानें पंकज उधास का सफर

Deepak Meena
Published on:

Pankaj Udhas Biography : गजल गायकी के सम्राट पंकज उधास का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से संगीत जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के राजकोट में हुआ था।

उन्होंने 6 साल की उम्र से ही संगीत की शिक्षा लेना शुरू कर दिया था। उनके पिता केशुभाई उधास एक सरकारी कर्मचारी थे, जिनको इसराज बजाने का बेहद शौक था। उनकी मां जीतू बेन उधास को भी गानों का शौक था। उनके दोनों भाई मनहर और निर्जल उधास भी प्रसिद्ध गायक हैं।

पंकज उधास ने 1980 में गजल एल्बम ‘आहट’ से अपनी शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने 40 से ज्यादा एल्बम रिकॉर्ड किए। उनकी कुछ प्रसिद्ध गजलों में ‘आहिस्ता कीजिए बातें’, ‘चिट्ठी आई है’, ‘ना कजरे की धार’, ‘दिल चीज़ क्या है’, ‘कोई फर्क नहीं पड़ता’, ‘तू गज़ल है’, ‘ये दिल और कहीं नहीं लगता’ और ‘ये जो Chil Chil Chil Chil Chil Chil Hawa’ शामिल हैं।

पंकज उधास को पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं पंकज उधास जब वे छोटे थे, भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था। उसी दौरान लता मंगेशकर का गाना “ऐ मेरे वतन के लोगों” रिलीज़ हुआ था। यह गाना पंकज उधास को इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे अपने स्कूल में भी सुनाया।

उनकी गायकी से स्कूल के प्रिंसिपल इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने पंकज को स्कूल प्रेयर टीम का हेड बना दिया। इतना ही नहीं, इस गाने के लिए उन्हें पहली बार 51 रुपये का इनाम भी दिया गया। पंकज उधास के निधन से भारतीय संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।