मास्को। मानवीय सरोकारों के पैराकार हिन्दी के चर्चित लेखक पंकज सुबीर को रूस का पुश्किन सम्मान-2017 दिये जाने की घोषणा की गई है। रूस के ‘भारत मित्र समाज’ की ओर से प्रतिवर्ष हिन्दी के एक प्रसिद्ध लेखक-कवि को मास्को में हिन्दी साहित्य का यह महत्त्वपूर्ण सम्मान दिया जाता है। इस क्रम में समकालीन भारतीय लेखकों में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाले और कथा लेखन के प्रति विशेष रूप से समर्पित पंकज सुबीर को जल्द ही यह सम्मान मास्को में आयोजित होने वाले गरिमापूर्ण कार्यक्रम में दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पहली बार यह सम्मान किसी युवा लेखक को मिला है।
मूल रूप से मानवीय संवेदना के पक्ष में खड़े नज़र आने वाले लेखक पंकज सुबीर के अब तक सात कहानी संग्रह, तीन उपन्यास, और संपादन की चार पुस्तकों सहित विविध विधाओं की कुल 17 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हिन्दी साहित्य के अनेक महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित पंकज सुबीर को 2009 में भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार मिला था। उसके बाद उन्हें वागीश्वरी पुरस्कार, वनमाली कथा सम्मान, शैलेश मटियानी पुरस्कार, कमलेश्वर सम्मान आदि दस से ज़्यादा पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। भारत मित्र समाज के महासचिव अनिल जनविजय ने मास्को से जारी विज्ञप्ति में यह सूचना दी है कि प्रसिध्द रूसी कवि अलेक्सान्दर सेंकेविच की अध्यक्षता में हिन्दी साहित्य के रूसी अध्येताओं व विद्वानों की पाँच सदस्यीय निर्णायक-समिति ने पंकज सुबीर को वर्ष 2017 के पुश्किन सम्मान के लिए चुना है।
इस निर्णायक-समिति में हिन्दी साहित्य की प्रसिद्ध रूसी विद्वान ल्युदमीला ख़ख़लोवा, रूसी कवि ईगर सीद, कवयित्री और हिन्दी साहित्य की विद्वान अनस्तसीया गूरिया, कवि सेर्गेय स्त्रोकन और लेखक व पत्रकार स्वेतलाना कुज्मिना शामिल हैं। सम्मान के अन्तर्गत पंकज सुबीर को पन्द्रह दिन की रूस-यात्रा पर बुलाया जाएगा। उन्हें रूस के कुछ नगरों की साहित्यिक यात्रा कराई जाएगी तथा रूसी लेखकों से उनकी मुलाक़ातें आयोजित की जाएँगी। इससे पहले यह सम्मान हिन्दी के कवि विश्वनाथप्रसाद तिवारी, उदयप्रकाश, लीलाधर मंडलोई, बुद्धिनाथ मिश्र, पवन करण, कहानीकार हरि भटनागर और महेश दर्पण आदि को दिया जा चुका है। पंकज सुबीर इन दिनों सीहोर, मध्यप्रदेश में रहते हैं और उनसे 9806162184 पर संपर्क किया जा सकता है।