इंदौर में खामोश हुआ… मुम्बई का हरफनमौला

Shivani Rathore
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पंकज कामले…इंदौर में इस नाम की कोई खास पहचान तो नही है पर मुम्बई,पूना,नागपुर ,बेंगलुरु में पंकज कामले की जुगलिंग- जादूगरी लोगों के सर चढ़ कर बोलती थी । हाल ही में पंकज कामले का शव इंदौर के कनाड़िया थाना क्षेत्र के एक होटल में फंदे पर झूलता पाया गया ओर जैसा कि हर खुदकुशी के मामले में होता आया वही पंकज कामले के साथ भी हुआ ,पंकज की खुदकुशी पर भले ही डिप्रेशन का कफ़न डाल दिया गया ।लेकिन पंकज के पिछले 15 साल के इतिहास को खंगालेंगे तो ये यकीन करना और भी मुश्किल हो जाता है कि पंकज खुदकुशी कर सकता है !

नागपुर में पंकज के जन्म के बाद उसके माता-पिता उसे लेकर मुम्बई चले गए । पिता ऑटो चलाते थे और माँ पीको- फॉल का काम कर बेहद तंगहाली में जीवन जीते थे। हालात इतने बदतर थे की बेटे को पढ़ाने लायक पैसों की जुगाड़ भी बमुश्किल थी। महज 10 वी तक पढ़े पंकज का सपना कुछ बड़ा करने का था। जल्द ही जुगलिंग शो से पंकज ने न सिर्फ अपनी एक अलग पहचान बनाई साथ ही गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर भी बना। ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट समेत चार कंपनियों का मालिक बने पंकज के जुगलिंग शो की दीवानगी इस हद तक थी कि अभिनेता सलमान खान अक्षय कुमार खुद जुगलिंग सीखने पंकज के पास जा पहुचे थे । अपनी मेहनत और हौसले के दम पर पंकज ने अपनी पहचान स्थापित की ,फर्राटेदार अंग्रेजी ओर अपने हुनर से दूसरों को भी अपने इंस्टिट्यूट में काबिल बनाता था पंकज !

अब बात फिर घूम-फिर कर वहीं आ ठहरती है कि आखिर क्यों और किस वजह से पंकज ने खुदकुशी जैसा आत्मघाती कदम उठाया ? ऐसा क्या हुआ था जिसके चलते लोगो को हुनरमंद बनाने- सिखाने ओर हमेशा सही रास्ते पर आगे बढ़ने की हिदायत देने वाले पंकज कामले को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा ?
वो कहते है न कि हर सोसाइड के पीछे एक कातिल जरूर होता है लेकिन खुदख़ुशी के ज्यादातर मामलों को डिप्रेशन के कफ़न से ढक दिया जाता है डिप्रेशन की वजह तक कम या न के बराबर ही पहुचा जाता है ! महज 28 साल की उम्र में जुगलिंग शो का ये बादशाह इंदौर में हमेशा के लिए खामोश हो गया ..!!