पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर अब एमपी की शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। बताया जा रहा है कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही इस बार पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे। ऐसे में सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी। दरअसल, आज स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के बीच सीएम शिवराज ने इस बात को लेकर चर्चा की है।
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जा रही है। मैं पिछले दो दिन से प्रधानमंत्री केंद्रीय विधि मंत्री केंद्रीय गृह मंत्री के साथ संपर्क में रहकर इस विषय के निराकरण के लिए प्रयासरत था। आगे सीएम ने कहा है कि कांग्रेस के लोगों द्वारा जो रोटेशन के खिलाफ याचिका लगाई गई थी, उस पर ही ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने का निर्णय आया है इसके लिए कांग्रेस ही पूरी तरह से जिम्मेदार है हमारी सरकार ने सभी वर्गों के हितों के काम किए हैं।
शिवराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के विद्वान अधिवक्ता उस समय न्यायालय में ही थे जब यह फैसला आ रहा था तब उन्होंने यह क्यों नहीं कहा कि वह अपनी वाचिका वापस ले रहे हैं। ऐसे में उनकी इच्छा यही थी कि कैसे भी चुनाव पर रोक लग जाए। हम जो अध्यादेश लाए थे वह नियम कानूनों के तहत था।
सीएम ने कहा है कि सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के साथ सबको मिले यह हमारा प्रयास है। पिछड़े वर्ग के कल्याण में कोई कसर न छोड़ी गई है ना छोड़ी जाएगी। विपक्ष साथ दे तो ठीक नहीं तो उसके बिना भी अपना अभियान जारी रखेंगे। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में 27% आरक्षण देने का दिखावा किया था।