Padmini Ekadashi 2023: इस दिन रखा जाएगा पद्मिनी एकादशी व्रत, भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने के लिए करें ये खास उपाय, भरे रहेंगे धन धान्य के भंडार

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Padmini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशी होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। अभी मौजूदा समय में चातुर्मास चल रहा है। जो भगवान विष्णु का 4 महीनों के शयन निद्रा का समय है। ऐसे में चातुर्मास में आने वाली पद्मिनी एकादशी का काफी अधिक महत्व माना जाता है। ऐसी हिंदू मान्यता है कि जो भी मनुष्य पद्मिनी एकादशी का उपवास रखता है, उसके समस्त दोषों का नाश होता है और मोक्ष मिलता है। वहीं भगवान शंकर को समर्पित सावन मास भी जारी है। ये सावन मास की दूसरी एकादशी तिथि है। इस बार पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई को पड़ रही है।

पद्मिनी एकादशी 2023 तिथि

हिन्दू पंचांग के मुताबिक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई 2023, दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 51 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। इसकी समाप्ति 29 जुलाई शनिवार को दोपहर 01 बजकर 05 मिनट पर होगी। उदया तिथि के मुताबिक पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई, दिन शनिवार को रखा जाएगा।

पद्मिनी एकादशी के दिन क्या उपाय करने चाहिए

व्यापार में अपार सफलता पाने के लिए व्यक्ति को 11 गोमती चक्र और 3 छोटे एकाक्षी नारियल को मंदिर में चढ़ाना चाहिए और धूप से इनकी पूजा करनी चाहिए।
इसके बाद एक पीले रंग का कपड़ा लें और गोमती चक्र और एकाक्षी नारियल बांधकर अपने कार्यस्थल पर रख दें।
जॉब में प्रमोशन पाने के इच्छुक व्यक्ति को कच्चा नारियल और 8 बादाम भगवान विष्णु जी के मंदिर में भेंट कर देना चाहिए।
घर में सुख शांति बनी रहे इसके लिए पद्मिनी एकादशी पर भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन कीर्तन करते रहें। वहीं अगर इस एकादशी की रात में जाग कर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो हजार सालों की तपस्या का फल मिलता है।

पद्मिनी एकादशी व्रत के लाभ

पद्मिनी एकादशी का उपवास रखने से व्यक्ति के मान-सम्मान और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि इस व्रत को करने से मनुष्य के समस्त पाप एवं दोष समाप्त हो जाते हैं।
जातक को भगवान हरि की कृपा से मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम में जगह मिलती है।
इस उपवास को करने से निसंतान जोड़े को संतान का सुख मिलता है।

पद्मिनी एकादशी व्रत विधि

  • ग्यारस के दिन सर्व प्रथम प्रात काल स्नान करें और फिर व्रत का प्रण लें.

     

  • भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना करने से पहले घर के पूजा घर की अच्छे से सफाई कर लें। यदि गंगा जल हो तो उस स्थल पर थोड़े से छींटे मार कर उस स्थल को पवित्र कर दें।

     

  • साथ ही कोशिश करें कि भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को साफ़ जगह पर ही स्थापित करें। इसके बाद उनके सामने देसी घी का दीपक जलाएं.

     

  • भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना के बीच श्री नारायण को चंदन, फूल और रोली आदि समर्पित करें। भोग के रूप में आप फल या कोई भी पकवान या मिष्ठान अर्पित कर सकते हैं।

     

  • भगवान श्री हरि विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को तुलसी अति प्रिय हैं इसलिए भोग में तुलसी के पत्तों का उपयोग अवश्य करें।

     

  • पद्मिनी एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन करना चाहिए। यदि आपके घर परिवार में किसी सदस्य ने व्रत नहीं भी रखा है तो भी इस दिन घर में चावल बनाने से बचना चहिए।

     

  • पद्मिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के जीवन में अपार तरक्की आती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा से घर में कभी धन-धान्य का अभाव नहीं होता है।

     

  • पद्मिनी एकादशी के दिन संसार के पालनहारे भगवान श्रीहरि विष्णु को खुश करने के लिए उन्हें पीले वस्त्र, पीले पुष्प, पीले रंग के फूलों की माला, पीली मिठाई, फल आदि अर्पित करें।

     

  • ऐसा कहा जाता है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है. इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए। पद्मिनी एकादशी के दिन किसी मंदिर में स्थित पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं और उसके समक्ष देसी घी का दीपक भी जलाएं।