इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 15 नवम्बर से प्रदेश में पेसा एक्ट लागू किया गया है। पेसा एक्ट जनजाति के हित में जरूर है लेकिन किसी गैर जनजाति के विरोध या खिलाफ नहीं है। यह एक्ट जनजातीय समुदाय को मजबूत करने के लिये है। इस एक्ट के प्रावधान सिर्फ अधिसूचित क्षेत्रों में लिए लागू होंगे। यह एक्ट विकास की दौड़ में पीछे रह गए जनजातीय समाज को मजबूत बनाने के लिए लागू किया गया है। अब गाँव के विकास की योजनाएं भोपाल में नहीं गांव की चौपाल में तय होगी। मुख़्यमंत्री चौहान ने एक शिक्षक की तरह धार जिले की कुक्षी तहसील के मंडी प्रांगण में पेसा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सरपंच, पटेल, तड़वी और बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, खरगोन-बड़वानी सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, पूर्व केबीनेट मंत्री रंजना बघेल, पूर्व विधायक मुकामसिंह किराड़े, जनपद अध्यक्ष डही राजेन्द्र, जनपद अध्यक्ष कुक्षी छगनसिंह बघेल, निसरपुर जनपद अध्यक्ष शर्मिला चौहान उपस्थित रहे। वहीं धार जिले के सांसद छतरसिंह दरबार ने स्वागत संबोधन दिया। साथ ही सांसद वीडी शर्मा ने भी सम्बोधित किया।
जल, जंगल और जमीन सब ग्राम सभा में शामिल
एक शिक्षक की तरह मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हजारों की संख्या में मौजूद जनजातीय समुदाय के सरपंच, पटेल, तड़वी और अन्य नागरिकों से कहा कि अब जल जंगल और जमीन सब कुछ ग्राम सभा के दायरे में आ गया है। जमीन के अधिकार में अब किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए किये जाने वाले भू-अर्जन के लिए शासन को ग्राम सभा से अनुमति लेना होगी। बिना ग्राम सभा की अनुमति के बगैर किसी की जमीन नहीं ली जा सकेगी। जमीन के अधिकार के तहत अब हर वर्ष गांव का पटवारी और वन विभाग का बीट गार्ड ग्राम सभा में गांव की भूमि की जानकारी और नक्शा प्रस्तुत करना होगा। पेसा एक्ट लागू होने के बाद से छल कपट या बहला फुसला कर किसी भी जनजातीय नागरिक की भूमि को कोई भी गैर जनजातीय व्यक्ति नहीं ले पायेगा।
खनिज के पट्टे या सर्वे के लिए ग्राम सभा से प्रशासन को लेना होगी अनुमति
मुख्यमन्त्री चौहान ने एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि खनिज जैसे रेत, गिट्टी या पत्थर की खदानों के पट्टे या सर्वे कार्य के लिए अब ग्राम सभा से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। आगे मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खदान पर पहला अधिकार सोसायटी और गांव की बहन बेटी का और उसके बाद पुरुष का अधिकार होगा।
अब ग्राम सभाएं तय कर सकेगी 100 हे. भूमि सिंचित करने वाले तालाबों का प्रबंधन भी
मुख्यमंत्री चौहान ने पेसा एक्ट के बारे में कहा कि जल का अधिकार भी ग्राम सभाओं को दिया गया है। गांव की सीमा के तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभा ही करेगी। इसके अलावा गांवों के ऐसे तालाब जो 100 हे. भूमि तक सिंचित करते हैं। उनका प्रबंधन का कार्य भी ग्राम सभाओं को ही तय करना होगा।
जंगल से प्राप्त होने वाली वनोपज का भाव भी ग्राम सभा के जिम्मे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट में जंगल के अधिकार भी ग्राम सभाओं को दिए गए है। जंगल से प्राप्त होने वाली वनोपज जैसे-महुआ, अर्रा, बेहड़ा, निम्बोली आदि के एकत्रीकरण और उनके भाव तय करना भी ग्राम सभा का अधिकार होगा। तेंदूपत्ता भी तोड़ने का अधिकार ग्राम सभा के पास आ गया है। इसके लिए 15 दिसम्बर तक तेंदूपत्ता तोड़ने का प्रस्ताव प्रशासन/वन विभाग को देना होगा।
नशे की दुकानें हटाने का प्रस्ताव प्रशासन को भेज सकती है ग्राम सभा
मुख़्यमंत्री चौहान ने आगे पेसा एक्ट के विषय में कहा कि पंचायतों में बाहर से आने वाले या जाने वाले श्रमिकों की भी अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा शराब, भांग या किसी नशे की दुकान गांव में रहे या नही रहे इसका निर्णय भी ग्राम सभा को दिया गया है। साथ ही नशे की दुकानों को सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, आंगनवाड़ी या अस्पताल से हटाने के लिए प्रस्ताव प्रशासन को भेज सकेगी। वही किसी विशेष पर्व या त्यौहार पर शराब बिके या नहीं बिके ये भी ग्राम सभा ही तय कर सकेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्रामीणों से कहा कि गांव में किसी भी व्यक्ति की एफआईआर लिखी गई है तो ग्राम सभा को सूचित किया जाएगा।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान खाटला पंचायत में भी शामिल हुए और जनजाति समाज के प्रमुख जनों को पेसा एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान संभागायुक्त इंदौर डॉक्टर पवन कुमार शर्मा पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश कुमार गुप्ता सहित धार ज़िले के कलेक्टर SP और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।