अग्रवाल समाज के मूल पुरुष और आग्रेय गणराज्य के संस्थापक – पूज्य भगवान श्री महाराज अग्रसेन

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देवेंद्र बंसल

नाम – कुंवर अग्रसेन (महाराज अग्रसेन जी)
जन्म – शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, अश्विन मास, 5144 वर्ष पूर्व..
जन्म भूमि – प्रतापगढ़
पिता – महाराज श्री वल्लभसेन
माता – महारानी भगवती देवी
पत्नी – महारानी माधवी
गद्दी – अग्रोहा, हरयाणा
कुलदेवी- हरिप्रिया महालक्ष्मी
कुलदेवता – भगवान विश्वनाथ
वंश – सुर्यवंश
राजवंश – अग्रवंश
कुलगुरु – महर्षि गर्ग
धार्मिक मान्यता – हिंदू धर्म
युद्ध – महाभारत युद्ध
पूर्वाधिकारी – महाराज वल्लभसेन
उत्तराधिकारी – महाराज विभुसेन
ध्वज – सूर्य पताका
राज चिह्न – एक स्वर्ण मुद्रा और एक ईंट

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महाराज अग्रसेन के बारे में कुछ रोचक जानकारी:-

अग्र शिरोमणि भगवान अग्रसेन जी अग्रवाल जाति के पितामह थे। इनका जन्म मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्रीराम की चौंतीसवी पीढ़ी में सूर्यवशीं क्षत्रिय कुल के महाराजा वल्लभ सेन के घर में द्वापर के अन्तिमकाल और कलियुग के प्रारम्भ में आज से लगभग 5100 वर्ष पूर्व हुआ था।

1- महाराज अग्रसेन का जन्म काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद से और उनके अंश से हुआ था इसलिए उन्हें शिव रूपाय भी कहते हैं।

2- महाराज अग्रसेन ने मात्र 16 वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ महाभारत युद्ध में भाग लिया था। इन्हें श्री कृष्ण का सानिध्य और आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ था।

3- महाराज अग्रसेन का विवाह त्रिपुरा के शक्तिशाली नागवंश की राजकुमारी महारानी माधवी से हुआ था। महाराज अग्रसेन के स्वसुर नागराज महीधर ने सूर्यवंशियों और नागवंशियों के मेल की यादगार स्वरूप और महाराज अग्रसेन के सम्मान में अग्रतल बसाया था। जिसे आज अगरतला कहते हैं जो त्रिपुरा की राजधानी है।

4- महाराज अग्रसेन के राजकुमारी माधवी से विवाह से देवराज इंद्र को ईर्ष्या हुई और उन्होंने अग्रोहा गणराज्य में वर्षा बंद कर दी। तदोपरांत कुलदेवी महालक्ष्मी के आशीर्वाद से महाराज अग्रसेन ने इंद्र का मानमर्दन किया था।

5- महाराज अग्रसेन वंशकर राजा थे, अर्थात जिसके नाम से उसके कुल को जाना जाए। इससे पूर्व इक्ष्वाकु वंश में रघु वंशकर राजा हुए हैं जिनके नाम पर इस कुल का नाम रघुकल भी है।

6- महाराज अग्रसेन कुलदेवी महालक्ष्मी के अनन्य भक्त थे उन्होंने अपने जीवनकाल में तीन बार महालक्ष्मी को प्रसन्न करके वर हासिल किया था। उन्होंने राज्य के मध्य में एक भव्य रत्नजड़ित श्रीपीठ का निर्माण करवाया था।

7- महाराज अग्रसेन ने समाजवाद का प्रथम दर्शन दिया था एक मुद्रा और एक ईंट के रूप में इसलोये उन्हें समाजवाद का प्रथम पुरुष भी कहते हैं।

8- महाराज अग्रसेन का राज्य ध्वज पीत रंग का था जिसपर सूर्यचिन्न अंकित था –
“शिखरे राजभवने महोचछायध्वजोत्कटे।
अलक्ष्यत ध्वजं पीतवर्णं भानुसुलक्षणं ।।”
– अग्रभागवत- 10:31

9- महाराज अग्रसेन ने आग्रेय गणराज्य की नींव रखी थी।पणिनि ने आग्रेय गणराज्य को आयुद्धजीवी संघ लिखा है जो अपने अप्रतिम शौर्य के लिए जाना जाता था। जिसने सदियों तक देश की सीमा की शकों और हूणों से रक्षा की थी।

10- भारतीय राज्यमार्ग NH-9 का आधिकारिक नाम महाराज अग्रसेन के नाम पर है जो दिल्ली से अग्रोहा होते हुए पाकिस्तान बॉर्डर तक जाता है।

11- सन् 1976 में भारत सरकार ने महाराज अग्रसेन के सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। सिर्फ भारत सरकार ही नहीं बल्कि मालदीव देश की सरकार ने भी 2016 में महाराज अग्रसेन के नाम पर डाक टिकट जारी किया था।

जनक पिता बनकर इन्होने नव समाज निर्माण किया इनके ही विचारों के कारण आज अग्रवाल जाति ने उद्धार किया!!