इंदौर के अपोलो हॉस्पिटल में ‘ऑर्गन डोनर्स वॉल ऑफ रिमेंबरेंस’ का अनावरण किया गया, अस्पताल ने मृत डोनर और जीवित दाताओं को किया सम्मानित

Deepak Meena
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इंदौर. इंडियन ऑर्गन डोनेशन डे के अवसर पर,लीडिंग मल्टीस्पेशलिटी क्वाटरनरी केयर हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर ने आज एण्ड स्टेज ऑर्गन डिजीज पेशेंट को जीवन का उपहार देने वाले मृत ऑर्गन डोनर को सम्मानित करने के लिए स्मृति की एक यूनिक वॉल का अनावरण किया। अस्पताल ने मृत दाताओं को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि, शंकर लालवानी, सांसद सदस्य, इंदौर ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।अपोलो हॉस्पिटल इंदौर के डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अशोक वाजपेयी ने कहा अपोलो अस्पताल वर्तमान में किडनी ट्रांसप्लांट को कवर करने वाला एक बहुत ही एक्टिव ट्रांसप्लांट प्रोग्राम चलाता है जिसे कुछ दिनों में शहर में हमारे दूसरे अस्पताल के साथ लीवर और हार्ट ट्रांसप्लांट तक विस्तारित किया जाएगा।

मैंने 4 साल पहले हमारे अस्पताल में अपना किडनी ट्रांसप्लांट करवाया था और ठीक होने के बाद मैं अपने मरीजों को आराम से देखभाल करते हुए देख रहा हूं। मृत ऑर्गन डोनर की याद में वॉल ऑफ रिमेंबरेंस न केवल उनके उदार कार्य का सम्मान करेगा बल्कि लोगों को अंग दान के लिए स्वेच्छा से प्रोत्साहित भी करेगा। यह वॉल ब्रेन में गंभीर और अपरिवर्तनीय चोट लगने के कारण वे ब्रेन डेड हुए डोनर्स के परिवारों के साहस का एक प्रमाण है। कंसल्टेंट डॉ. जय कृपलानी, डॉ. संदीप सक्सेना, डॉ. सौरभ चिपडे, डॉ. मनीष खासगीवाले, डॉ. क्षितिज दुबे, डॉ. निकुंज जैन और पूरी टीम द्वारा की प्रगति को देखकर भी खुश हूं, जिन्होंने ट्रांसप्लांट प्रोग्राम को देश और प्रदेश में लीडिंग प्रोग्राम में से एक बनाने में बहुत मेहनत की है। पिछले सात महीनों में हमारी टीम ने 60 से अधिक ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए हैं – जो प्रोग्राम की ताकत और हमारे रोगियों के जीवन में इसके प्रभाव की पुष्टि करता है।”

सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम डॉ. जय कृपलानी ने कहा, “टर्मिनल किडनी फेल्योर से प्रभावित रोगियों में किडनी ट्रांसप्लांट की लाइफ सेविंग पॉवर बेजोड़ है। डोनर्स और ऑर्गन की आवश्यकता बढ़ रही है और बढ़ती रहेगी। ब्रेन डेथ के बाद अंगदान के महत्व पर भी जोर देते हुए, जो ऑर्गन डोनेशन के ज्यादातर मामलों में प्राइमरी सोर्स में से एक बना हुआ है, डॉ. कृपलानी ने कहा, 2021 में, केवल लगभग 14% मृत डोनर थे। जागरूकता बढ़ाने और गैप को कम करने की तत्काल आवश्यकता है, इंदौर के अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. संदीप सक्सेना ने कहा, “हमारे अस्पताल में 2017 में एक छोटे से तरीके से जो शुरुआत हुई थी, वह आज एक बहुत ही शक्तिशाली और दूरगामी प्रयास के रूप में उभरी है और आज अपोलो को राज्य और देश के लीडिंग सेंटर्स में एक के रूप में पहचान मिल रही है। अभी तक 23000 से ज़्यादा ट्रांस्प्लांट के साथ अपोलो अस्पताल समूह विश्व में सर्वाधिक solid organ transplants करने वाला अस्पताल है।”

सांसद, शंकर लालवानी जी ने कहा, “मैं इस वॉल ऑफ रिमेंबरेंस को बनाने के लिए अपोलो हॉस्पिटल्स की सराहना करता हूं, जो इंदौर और हमारे राज्य में ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होगी। इंदौर में पिछले वर्ष लगभग 51 ग्रीन कॉरिडॉर हुए है , इंदौर को ऑर्गन डोनेशन में भी नंबर 1 बनाना है। डॉ शिल्पा सक्सेना, पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजिस्ट, अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर ने बच्चों में पीडियाट्रिक ट्रांस्प्लांट के द्वारा क्रॉनिक किडनी डिजीस के लाभ के बारे में बताया। पूरे मध्य प्रदेश में पीडियाट्रिक किडनी ट्रांस्प्लांट कार्यक्रम में अपोलो अस्पताल अग्रणीय है।अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर के सीनियर कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम डॉ. सौरभ चिपड़े ने कहा, “अपोलो हॉस्पिटल्स में, हम ऑर्गन ट्रांसप्लांट में सबसे आगे रहने और ऑर्गन डोनेशन की परिवर्तनकारी शक्ति को देखने के लिए आभारी हैं, जहां जीवन बचाया और नया जीवन दिया जाता है , जहां आशा बहाल होती है, और जहां परिवारों को यह जानकर सांत्वना मिलती है कि उनके प्रियजन जीवित एवं स्वस्थ हैं।अपोलो इंदौर के किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम में स्पेशलाइज्ड ट्रांसप्लांट टीम शामिल हैं जो जीवन बचाने के लिए लगातार काम करती हैं। वे एक स्ट्रेटजी लागू करते हुए पेशेंट को पर्सनलाइज और सभी जरूरी देखभाल प्रदान करते हैं जिसके परिणामस्वरूप किडनी ट्रांसप्लांट का सक्सेस रेट 99.9% होता है।