Organ Donation: शरीर का ये अंग, मरने के इतने समय बाद तक भी किया जा सकता है डोनेट

Suruchi
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Organ Donation: मृत्यु जीवन का एक अहम् हिस्सा है, मनुष्य अपना अपना कर्म के हिसाब से सारे सुख दुख को भोगकर मृत्युलोक चले जाते है। ऐसे में इंसान की मरने के बाद उनके ऑर्गन क्र दिया जाता है। बता दें ऑर्गन डोनेट तो किसी भी उम्र के कर सकते हैं। बस ये होना चाहिए जो व्यक्ति ऑर्गन डोनेट कर रहा है उसकी चिकित्सीय विश्लेषण अच्छी हो उसके बाद ही उस ऑर्गन को डोनेट किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक आपको बता दें ऑर्गन डोनेशन में किसी भी तरह का कोई खास नियम नहीं होता है। इसमें नवजात, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ऑर्गन डोनेशन करते हैं। अगर किसी व्यक्ति की उम्र 18 साल से कम है तो उसे अपने अंगदान करने से पहले अपनी फैमिली के परमिशन की जरूरत लेनी पड़ती है।

ये है ऑर्गन डोनेशन के नियम

हमारे देश में ऑर्गन डोनेशन करने के लिए कई तरह के नियम बने हुए है। ऑर्गन डोनेशन का प्रोसेस काफी लंबा होता है। इसमें सबसे पहले आपको एक फॉर्म भरना पड़ता है। इसके बाद ऑर्गन डोनेशन के लिए www.organindia.org पर अप्लाई किया जा सकता है। यहां पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद ऑर्गेनाइजेशन की ओर से एक डोनर कार्ड भी भेजा जाता है। बता दें इस कार्ड पर यूनिक गवर्नमेंट रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा रहता है।

इन अंगो को कर सकते हैं डोनेट

ऑर्गन डोनेशन 2 तरह के होते हैं। पहला एक जिंदा रहने वाले का ऑर्गन और दूसरा एक मौत के बाद। जीवित अंगदान का मतलब ये होता है कि किडनी और पैंक्रियास का कुछ हिस्सा दान कर दिया जाता है। मृत्यु के बाद होने वाले अंग दान में आंत, हार्ट, लिवर, किडनी, लंग्स और पैंक्रियास जैस अंग शामिल होते है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपना अंगदान करेगा उसे हेल्दी रहना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि अंगदान करने से पहले कुछ शुरुआती हेल्थ चेकअप होते हैं उसमें आपको खुद को फिट रखना होता है। इसके साथ ही कई तरह के ब्लड टेस्ट भी किए जाते हैं। उसी आधार पर अंगदान का पूरा प्रोसेस शुरू किया जाता है।