भूमाफिया बिल्डर और उसके बेटे पर धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश

srashti
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माननीय न्यायालय इंदौर के द्वारा एक चर्चित मामले में न्याय संगत कार्यवाही करते हुए आदेश जारी किया गया ,जिसमें लसूडिया थाना क्षेत्र के जमीन मालिक मनीष वर्मा की करोड़ों की जमीन को छल पूर्वक हथियाने की अपराधिक कोशिश करते हुए धोखाधड़ी करने एवं अन्य अपराधिक कृत्य किए जाने के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420 ,423,465,467 के तहत बिल्डर पेंड्रावाला एस्टेट ग्रुप के राजेंद्र ताम्रकार उर्फ राजू पेंड्रावाला पिता श्री प्रेमनारायण , वेदांश पिता राजेंद्र ताम्रकार ,अनुराग पिता वासुदेव के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने के आदेश जारी किए गए है।

घटना इस प्रकार है कि मनीष वर्मा नामक अधिवक्ता की तलवाली चांदा अंतर्गत लसुड़िया थाना एक भूमि है ,जिसकी कीमत करोड़ों रु है। वर्मा ने उक्त भूमि पर भवन निर्माण किए जाने हेतु पेंड्रावाला ग्रुप से एक रेशों डील अनुबंध किया था। जिस अनुबंध के मुताबित राजू पेंड्रावाला और अन्य साथी आरोपियों को उक्त भूखंड पर बहु मंजिला भवन निर्माण कर अनुबंध शर्तों के अनुसार कार्य पूर्ण करना था, लेकिन राजू पेंड्रावाला, उनके बेटे वेदान्श और अन्य साथी आरोपियों द्वारा उक्त भूमि को हड़प लिए जाने की बदनीयती के चलते अनुबंध पत्र की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वर्मा को फर्जी चेक दिए गए, जो बाउंस हो गए।

अनुबंध पत्र का परिपालन ना होने की दशा में वर्मा द्वारा पेंड्रावाला ग्रुप के कर्ताधर्ताओं से संपर्क किया गया तो उन लोगों ने वर्मा के साथ दुर्व्यवहार किया और वर्मा की जमीन हड़प लिए जाने का षडयंत्र करते हुए उनके विरुद्ध झूठे मामले दर्ज कराए जाने के प्रयास किये। मामला माननीय न्यायालय इंदौर में विचाराधीन है।

मनीष वर्मा द्वारा अपने साथ हुए अन्याय और धोखाधड़ी के विरुद्ध लसुड़िया थाने पर शिकायत की गई तो थाना अधिकारियों ने उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की और भूमाफिया राजू पेंड्रावाला के अपराधिक कृत्य को अवैधानिक संरक्षण दिया गया। थाने और उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार किए जाने पर भी जब वर्मा को न्याय नही मिला तो उन्होंने माननीय न्यायालय में अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक परिवाद दायर कर सप्रमाण न्याय याचिका प्रस्तुत की।

जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीश श्री जैन साहब द्वारा एक विस्तृत आदेश जारी किया गया, जिसमें मनीष वर्मा के प्रमाणों को स्वीकार करते हुए आरोपी गण राजू पेंड्रावाला, उनके बेटे वेदान्श और अन्य साथी आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज किए जाने हेतु आदेश जारी किया। मनीष वर्मा की ओर से परिवाद पत्र अधिवक्ता मुकेश देओल ने प्रस्तुत किया।