मध्यप्रदेश में नए जिलों के बनने पर विरोध, भाजपा के लिए चुनौती, लोगों का कहना बीजेपी सरकार को इसका मजा चुनाव में चखाया जाएगा

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भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को अब बस कुछ महीनें ही शेष हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार अपने राज को मप्र में बरकरार रखने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है। आपको बता दें कि अभी कुछ ही दिनों पहले उज्जैन के नागदा को जिला घोषित करने की घोषणा की गई थी। उसके बाद अब बीजेपी को यह घोषणा उल्टी पड़ रही है, इसका दर्जनभर से ज्यादा क्षेत्रों में विरोध किया जा रहा है।

दरअसल उज्जैन के नागदा को जिला बनाने की घोषणा के बाद प्रदेश के दर्जनभर से ज्यादा क्षेत्रों में इसका विरोध शुरू हो गया है, विरोध में दूसरो क्षेत्रों के रहवासी अपने क्षेत्र को नया जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यदि हमारे क्षेत्र को नया जिला नहीं बनाया गया तो भाजपा सरकार को इसका मजा चुनाव में चखाया जाएगा। वहीं, कुछ इलाकों के लोग कहते हैं कि हमें नए जिले में जोड़ा तो भाजपा को बुरी तरह से हराया जाएगा।

इन क्षेत्रों में देखा जा रहा विरोध

मध्यप्रदेश के इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा विरोध देखा जा रहा है। जिसमे रतलाम जिले में जावरा, आलोट, ताल, और पिपलोदा। महिदपुर, ताल और जावरा तहसीलों को मिलाकर आलोट को नया जिला बनाने की मांग भी उठ रही है। अब देखना यह होगा की नए जिलों का बनना और नहीं बनना, दोनों ही भाजपा सरकार को भारी पड़ सकता है।

ताल में नागदा को नया जिला बनाए जाने को लेकर ज्यादा नाराजगी है। वहां के पूर्व पार्षद नवीन मेहता का इसपर कहना हैं कि ताल को रतलाम जिले में ही रहने देना चाहिए। ताल रतलाम से तभी अलग हो जब जावरा नया जिला बने।