Indore: छात्र के मन में राष्ट्रीयता का भाव शिक्षक ही जागृत कर सकते हैं – आनंद सुपर 30

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Indore: भारत यदि विश्वगुरु के पद पर लंबे समय तक प्रतिष्ठित रहा और आज भी यदि पूरा विश्व उसी की ओर आशा भरी दृष्टि से निहारता है, तो उसके पीछे सबसे बड़ा कारण है यहां के शिक्षकों का शुचितापूर्ण आचरण एवं ज्ञान के प्रति समर्पण। उक्त विचार संस्था सार्थक के एक अभिनव कार्यक्रम में  रविवार को गांधी हाल में सुपर-30 के संस्थापक पद्मश्री आनंद कुमार ने नए भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका विषय पर शहर के शिक्षकों के समक्ष रखे।

आयोजक दीपक जैन टीनू ने बताया कि इस अवसर पर 400 से अधिक विद्यालयों, कॉलेजो, कोचिंग संस्थान के प्राचार्य व संचालक उपस्थित थे। कार्यक्रम के विशेष अतिथि कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, आईडीए के अध्यक्ष जयपाल चावड़ा,  संभागायुक्त डॉ पवन शर्मा , जिलाधीश इलैयाराजा टी व कुलपति श्रीमती रेणु जैन थे। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद कृष्ण कुमार अष्ठाना, पूर्व कुलपति नरेंद्र धाकड़, जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास,  प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी , ओमप्रकाश नरेड़ा सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता आनंद कुमार ने अपने सारगर्भित उद्धबोधन में कहा कि
● शिक्षक, सभ्य एवं शांतिपूर्ण राष्ट्र का निर्माता है। प्रत्येक शिक्षक को छात्रों को सुंदर एवं सुरक्षित भविष्य देने के लिए उनके कोमल मन में भारतीय संस्कृति और सभ्यता के रूप में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के विचार का बीज रोपित करना चाहिए।

● शिक्षक यदि चाहे तो उसका छात्र देश का सर्वश्रेष्ठ नागरिक बन सकता है। भारत सहित विश्व में जितने भी महान लोग हुए हैं वह अपने गुरु की शिक्षा की बदौलत ही सर्वश्रेष्ठ बन पाए हैं। छात्र के मन में राष्ट्रीयता का भाव शिक्षक ही जागृत कर सकते हैं।

● शिक्षक, अबोध बालकों को अच्छा नागरिक बनाकर राष्ट्र निर्माण के अपने दायित्व का निर्वाह करता है। राष्ट्र के चौमुखी विकास के लिए उसके भावी नागरिकों को तैयार करने में शिक्षकों की ही भूमिका सर्वोपरि होती है। प्राचीन काल से हमारे देश में शिक्षक इसी ध्येय से देश के भावी नागरिक तैयार कर रहे हैं।

● भारत यदि विश्वगुरु के पद पर लंबे समय तक प्रतिष्ठित रहा और आज भी यदि पूरा विश्व उसकी ओर आशा भरी दृष्टि से निहारता है, तो उसके पीछे यहां के आदर्श शिक्षकों का ही शुचितापूर्ण आचरण एवं ज्ञान के प्रति समर्पण है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संभागायुक्त डॉ पवन शर्मा ने कहा कि श्री आनंद कुमार ने अपने पूर्ण समर्पण से प्रतिभाओं को न केवल परिष्कृत किया बल्कि उन्हें सफलता के निर्णायक सोपान तक पहुंचाने में भी सार्थक परिश्रम किया।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि जिलाधीश इलैया राजा टी ने इस अवसर पर कहा की विद्यार्थियों के मानसिक विकास में शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। एक निपुण शिक्षक अपनी शिक्षण शैली से विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास सबसे बेहतर ढंग से कर सकता है।

विशेष अतिथि कुलपति श्रीमति रेणु जैन ने भी संबोधित किया

आयोजक दीपक जैन “टीनू” ने बताया कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। अंत मे श्री आनंद कुमार द्वारा शिक्षकों द्वारा पूछे गए सवालों के सारगर्भित उत्तर भी दिये।  अमन खंडेलवाल ने वन्देमातरम की प्रस्तुति दी। अतिथियों का स्वागत संस्था सार्थक के सदस्यों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सुनयना शर्मा द्वारा एवं आभार प्रकाश बाफना द्वारा व्यक्त किया गया। अंत मे महाविद्यालय प्राचार्य मंच, एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन इंदौर मध्यप्रदेश व “सहयोग” अशासकीय विद्यालय संघ (रजि.)के पदाधिकारियों द्वारा श्री आनंद कुमार का स्वागत किया गया।