फर्जी फोन-पे अधिकारी बनकर आवेदक के साथ Online फ्रॉड

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इंदौर – श्रीमान पुलिस आयुक्त इंदौर महानगर श्री हरिनारायणचारी मिश्र व्दारा इंदौर कमिश्नरेट में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले एवं सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर अपातिजनक पोस्ट व हैकिंग करने वाले अपराधियों की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु जिस को निर्देशित किया गया है।

उक्त निर्देशों के अनुक्रम में श्रीमान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) श्री राजेश हिंगणकर के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) श्री निमिष अग्रवाल एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (क्राईम ब्राँच) श्री गुरू प्रसाद पाराशर द्वारा ऑनलाईन ठगी एवं सोशल मीडिया संबंधी अपराधो की रोकथाम हेतु क्राइम ब्रांच फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों को लगाया गया है।

फ्राड इंन्वेस्टीगेशन सेल टीम द्वारा आवेदक अनिल चौधरी निवासी इँदौर से फ्राड की संपूर्ण जानकारी लेकर जांच की गई, जिसमे ज्ञात हुआ कि आवेदक इंटरनेट पर फोन-पे के हेल्पलाईन नंबर को सर्च किया तब आवेदक के पास आए फोन काँल ने आवेदक को झूठे विश्वास मे लेकर समस्या का समाधान करने के लिए फोन-पे का अधिकारी होना बताया और भेजी गई लिंक पर क्लिक करवाकर 1,00,000/- रुपए आवेदक के खाते से निकाल लिए, जिस पर फ्राड इंन्वेस्टीगेशन सेल द्वारा संबधित कंपनी से संपर्क कर आवेदक के खाते मे 1,00,000/- रुपए सकुशल वापस जमा कराए।

आमजन को सूचित किया जाता है की इंटरनेट पर दिखाए गए हेल्पलाईन/कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क या काँल ना करे । वाँलेट , बैंक पासबुक , क्रेडिट कार्ड पर लिखे हेल्पलाईन नंबर पर ही संपर्क करे तथा फोन पर बात करते समय दी गई किसी भी लिंक पर क्लिक ना करे एंव कोई भी गोपनीय जानकारी शेयर ना करे। अन्यथा आप ठगी के शिकार हो सकते है।

इस तरह की घटना की सूचना तुरंत अपने नजदीकी थाने पर दे या क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस द्वारा संचालित साइबर हेल्पलाइन 704912-4445 पर सूचित करे।