वर्ल्ड हार्ट डे पर शैल्बी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने बताए दिल को स्वस्थ रखने के नुस्खे

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इंदौर, 28 सितम्बर 2023। भारत में ह्रदय संबंधी बीमारियां और रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। आम जन को हृदय रोग और उनसे बचने के उपाय के प्रति जागरूक करने के लिए दुनिया भर में हर साल 29 सितंबर को “विश्व ह्रदय दिवस” (वर्ल्ड हार्ट डे) मनाया जाता है। इस साल की वर्ल्ड हार्ट डे की थीम ‘दिल से दिल को जानें’ है, जिसका उद्देश्य है लोगों को अपने दिल के और दिल की बिमारियों बारे में अधिक से अधिक जानने के लिए प्रेरित करना, बढ़ते हृदय रोग और इससे जुड़े रिस्क फैक्टर्स के बारे में लोग जान सकें ताकि दिल ठीक रखने के उपायों को समझ कर खुद को सुरक्षित रख सके। इसी कड़ी में शहर के शैल्बी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के शैल्बी इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्डियक साइंसेज के विशेषज्ञों ने लोगों को हृदय रोग और उनसे बचने के उपाय के बारें में जानकारी दी।

डायरेक्टर कार्डियक साइन्सेज़ एवं चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सिद्धांत जैन ने कहा “पिछले कुछ सालों में युवाओं में हार्ट डिसीज़ काफी हद तक बढ़ गई है, पश्चिम के देशों के मुकाबले भारतीय युवाओं में यह बीमारी जल्दी एवं ज्यादा पाई जाती है। इसका कारण है गलत खान पान, अस्वस्थ जीवन शैली, परिवार में डायबिटीज, कम शारीरिक योगदान, मोटापा एवं ब्लड प्रेशर आदि। कुछ लोगों में हार्ट संबंधित समस्या जेनेटिक भी हो सकती है, अगर माता पिता को हार्ट अटैक की समस्या है तो बच्चों में इसके होने की संभावना कई गुना तक बढ़ जाती है। इससे डरने के बजाय चेकअप करवाकर सावधानियां रखना जरूरी है, ताकि इस से निजात पाया जा सके। पहले के मुकाबले अब टेक्नालॉजी बढ़ गई है। शैल्बी में हर तरह की मेडिकल सुविधा उपलब्ध है जिसका लाभ रोगियों द्वारा लिया जा सकता है।”

आगे डॉ जैन ने कहा कि “दरअसल, कार्डियेक अरेस्ट एक ऐसी मेडिकल इमरजेंसी कंडिशन है जिसमें हार्ट अचानक काम करना या धड़कना बंद कर देता है। ऐसे में एम्बुलेंस आने से पहले पीड़ित व्यक्ति को सीपीआर दे दी जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। सी.पी.आर. की जागरुकता एवं इसका प्रशिक्षण आमजनों को पहुँचाना बहुत जरुरी है एवं शैल्बी हॉस्पिटल नियमित रूप से सी पी आर प्रशिक्ष्ण लगाता रहता है।“

डायरेक्टर कार्डियक सर्जरी डॉ मोहम्मद अली के अनुसार “घर के खाने के बजाय लोग बाहर का जंक फ़ूड, फैटी फूड का सेवन करते हैं, एक ही तेल में दिन भर खाद्य पदार्थ तले जाते हैं। बार बार एक ही तेल में तलने से इन चीजों में हाइड्रोजेनेटेड फैट बढ़ जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है, आज कल फैटी हार्ट से संबधित मौत में से 70 प्रतिशत मौत को प्राइमरी प्रिवेंशन से बचाया जा सकता है। अगर छाती के बीच दर्द हो तो उसे गंभीरता से लें, जंक फूड व ज्यादा नमक खाने से बचें, शाकाहारी भोजन करें। अगर फिर भी हार्ट अटैक आ जाता है तो इमरजेंसी के दौरान कार्डियेक अरेस्ट के शिकार मरीज को समय रहते सीपीआर देकर बचाया जा सकता है।”

कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ शिरीष अग्रवाल ने कहा “युवाओं में स्मोकिंग, जंक फूड व गलत खानपान हार्ट डिसीज का मुख्य कारण है। युवा हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचान नहीं पाते, सीने में दर्द जैसे लक्षणों को एसिडिटी या मसक्युलर पैन समझकर टाल देते हैं जो खतरनाक साबित हो सकते हैं। महिलाओं में तो हार्ट डिसीज के लक्षणों को सामान्य समझकर टालने की आदत और भी ज्यादा होती है। ह्रदय रोग से बचने के लिए लोगों को(खासकर 30 साल की उम्र के बाद) समय-समय पर ECG और TMT करवाते रहना चाहिए। ह्रदय रोग से बचने के लिए दिनचर्या में व्यायाम शामिल करें और पैदल चलने की आदत डालें। धूम्रपान और तंबाकू का प्रयोग बिलकुल ना करें, खान पान पर ध्यान दें, ताजे फल, सब्जियों और ड्राय फ्रूट्स जैसे बादाम और अखरोट इत्यादि को आहार में शामिल करें। जंक फूड से बचें और अपने बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें (रेगुलर चेक अप करवाएं)। इसके लिए आप किसी भी मेंटल रिलेक्सेशन एक्टिविटी (संगीत, क्लब, आउटडोर एक्टिविटी, खेल, इत्यादि) की मदद ले सकते हैं।”

शैल्बी हॉस्पिटल्स के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ अनुरेश जैन एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ विवेक जोशी ने बताया “युवाओं में बढ़ रही ह्रदय रोग की समस्या बेहद गंभीर समस्या है, लेकिन शैल्बी हॉस्पिटल की टीम हृदय रोगों से निपटने के लिए पूरी रूप से तैयार रहती है। शैल्बी इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्डियक साइंसेज में कोरोनरी एंजियोग्राफी, कोरोनरी एंजियोप्लास्टी एवं स्टेन्ट, रेडियल एंजियोग्राफी (हाथ की नस द्वारा), इन्ट्रा वस्कुलर अल्ट्रा साउंड (IVUS), रोटा ब्लेशन (ROTABLATION), फ्रैक्शनल फ्लो रिज़र्व (FFR), पेसमेकर, ICD / CRT प्रत्यारोपण, पेरीफेरल इंटरवेन्शन एवं स्टेन्ट, TAVI / TEVAR, डिवाइस क्लोज़र (ASD / VSD / PDA), दिल की असामान्य धड़कन का उपचार (EP Study, RF Ablation) जैसी विश्वस्तरीय हृदय रोग सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इसके अलावा शैल्बी की कार्डियक टीम अपनी विश्व स्तरीय मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के लिए जानी जाती है, जिसमें कम दर्द, बिना संक्रमण के खतरे के छोटे चीरे लगाकर ही शीघ्र स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है। मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के साथ साथ शैल्बी हॉस्पिटल में एंडोस्कोपिक वेसल हार्वेस्टिंग, टोटल आर्टियल रिवैस्कुलराइजेशन, सर्जिकल और एंडोवास्कुलर, एओर्टिक एन्यूरिज्म का उपचार, एमआईसीएस वाल्व सर्जरी, मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी वाल्व सर्जरी, काम्प्लेक्स रेडो सर्जरी,ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (TAVI) जैसी आधुनिक उपचार पद्धति उपलब्ध है।“