नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को लेकर शिवसेना ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयान को लेकर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि अगर संविधान को चुनौती देने के लिए कोई चीन की मदद लेने की बात करता है तो उसे जेल भेजा जाना चाहिए।
शनिवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने महबूबा मुफ्ती के अनुच्छेद 370 के बयान पर कहा कि चाहे फारूक अब्दुल्ला हों या महबूबा मुफ्ती, अगर कोई भारत के संविधान को चुनौती देने के लिए चीन की मदद लेने की बात करता है, तो उन्हें गिरफ्तार कर 10 साल के लिए अंडमान भेजा जाना चाहिए। वे कैसे आजाद घूम रहे हैं?
उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र की राजनीति पुणे से होती है। बाल ठाकरे जब तक थे, तब तक मुंबई से होती थी। उन्होंने आगे कहा कि, कोरोना संकट में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बहुत अच्छा काम हुआ है। कोरोना अभी काबू में है। संजय राउत ने यह भी कहा कि, बिहार में चुनाव के दौरान क्या चल रहा है? ये सबको पता है, फिर भी सबको लगता है कि चुनाव पारदर्शक होंगे। तेजस्वी अगर बहुमत के साथ बिहार के मुख्यमंत्री बनते हैं तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा।
राउत ने आगे कहा कि, शिवसेना के राजकीय पक्ष का जन्म ही एक न्यूज पेपर से हुआ है। न्यूज पेपर को खत्म करना संभव नहीं है। राउत ने कहा कि, शरद पवार अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का मार्गदर्शन करते हैं तो इससे बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील के पेट में दर्ज क्यों हो रहा है।