प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामचरितमानस के प्रतीपादक पूज्य श्री मोरारी बापू ने गीता जयंती समारोह के लिए गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंदजी महाराज द्वारा की गई अपील को अपना समर्थन देने का वचन दिया है। इस अवसर पर उन्होंने सभी लोगों से भगवद गीता के पवित्र श्लोकों का पठन करने की अपील की है। गीता जयंती 5000 वर्ष पहले कुरूक्षेत्र में महाभारत युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण द्वारा भगवद गीता प्रदान करने की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है। अध्यात्म में इस अवसर का बहुत महत्व है।
इस शुभ अवसर की तैयारी करते हुए पूज्य मोरारी बापू ने गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज के प्रयासों को अपना समर्थन दिया है, जिन्होंने भगवद गीता के उपदेशों का प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
पूज्य मोरारी बापू ने कहा कि, “भगवद गीता युगों-युगों तक ज्ञान और बुद्धि से भरपूर एक सार्वभौमिक ग्रंथ है। गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता जयंती समारोह के दौरान हर घर एवं सभी से भगवद गीता पढ़ने की अपील की है। मैं इस अपील से बहुत प्रसन्न हूं और सभी से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि, उनके नेतृत्व में इस दिव्य कार्यक्रम को मनाने में भक्तिभाव से भाग लें।”
GIEO गीता ( ग्लोबल इंस्पीरेशन एंड एन्लाइटमेन्ट ऑर्गनाइजेशन ऑफ भगवत गीता – भगवद गीता की वैश्विक प्रेरणा और ज्ञानोदय संगठन) और गीता ज्ञान संस्थानम, कुरुक्षेत्र के संस्थापक, आदरणीय गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने अपना जीवन भगवद गीता के कालातीत उपदेशों के प्रसार के लिए समर्पित कर दिया है।