जयपुर: सोमवार को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि सीएम के बयान से उदास हूँ लेकिन हैरान नहीं हूँ। पायलट ने कहा, ‘मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल वह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे है। सचिन पायलट ने कहा कि मैं ये मुद्दे उठाता रहा हूं और मैं मामले को लेकर उचित क़ानूनी कार्यवाही करूंगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि मैं अपने विश्वासों पर कायम हूं। मुझ पर मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं।
बता दे कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि वह सात साल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे लेकिन किसी ने उन्हें हटाने की मांग कभी नहीं की। गहलोत ने कहा कि इतिहास में यह पहला उदाहरण होगा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष अपनी ही पार्टी की सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल रहा। गेहलोत ने कहा कि ”जिस प्रदेशाध्यक्ष पायलट को प्रदेश में इतना सम्मान मिला वह कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंकने को तैयार हो गया।”
अशोक गहलोत ने कहा कि बहुमत उनके साथ है और सरकार को कोई दिक्कत नहीं है।राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की कभी मांग नहीं हुई। हमें पता था कि यहां कुछ नहीं हो रहा है। हम जानते थे कि वह ‘निक्कमा’ और ‘नकारा’ है, फिर भी पार्टी हित को देखते हुए हमने कभी सवाल नहीं उठाया।” गहलोत ने कहा कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पायलट का सम्मान कैसे करना है, यह उन्होंने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को सिखाया क्योंकि पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष मायने रखता है।किसी ने कभी उनके खिलाफ एक शब्द नहीं बोला फिर भी ”वह व्यक्ति कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंकने के लिए तैयार हो जाता है।”
तो वही सोमवार को कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने पायलट पर आरोप लगते हुए कहा कि सचिन पायलट ने उसने पार्टी बदलने और भाजपा में जाने की चर्चा की थी और 35 करोड़ रुपये तक की पेशकश की गयी थी। इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, ”जिम्मेदारी पायलट साहब की थी, ऐसे मलिंगा साहब कहीं मिल जाएंगे। अगर आप रिसर्च करेंगे तो आपकी आंखे खुल जाएंगी कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष खुद की पार्टी को डुबोने के लिए सरकार को गिराने के लिए लगा।”