Raksha Bandhan 2021: रक्षाबंधन पर अपने भाई को राशि अनुसार बांधे राखी!

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मेष: आपके भाई की राशि मेष है उसे लाल रँग की राखी बांधें और मिठाई में मालपुए खिलाएं. ऐसा करने से भाई को मानसिक शांति मिलेगी

वृषभ: इस राशि के भाई को सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधें और रसमलाई मिठाई ही खिलाएं, ऐसा करने से नौकरी व्यापार में लाभ मिलेगा और उर्जा से ओतप्रोत

मिथुन: आपके भाई की राशि मिथुन है, बहने उन्हें हरे रँग वाली राखी बांधें और हरी बर्फी या गुलाबजामुन मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से सामाजिक कार्यों में रुचि बनी रहेगी.विचार शक्ति बढ़ेगी

कर्क: आपके भाई की राशि कर्क है तो इस साल राखी के त्योहार पर अपने भाई की कलाई पर सफ़ेद रेशम वाली राखी बांधें. मिठाई में कलाकंद या बादाम कतली खिलाएं. ऐसे करने से मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी भावनात्मक रिश्ते मजबूत होंगे

सिंह: सिंह राशि वाले भाइयों को ऑरेंज राखी बांधें और मिठाई में घेवर मिठाई या बलुशाई खिलाएं. इससे शिक्षा के क्षेत्र में सफतला प्राप्त होगी और कार्रिएर जॉब लाभ

कन्या: अगर आपके भाई की राशि कन्या है तो अपने भाईयों को गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधें और मोतीचूर के लड्डू खिलाएं. इससे वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा और अच्छा शुभ परिणाम मिलेगा

तुला: आपके भाई की राशि तुला है वो रेशमी हल्के गुलाबी डोरे वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें कजुकतली या मावा बर्फी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से व्यवसाय की चिंता दूर होगी और स्थिति सामान्य बनी रहेगी कार्य शक्ति बढ़ेगी

वृश्चिक: आपके भाई की राशि वृश्चिक हे आप चमकीला लाल रँग वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें पंचमेवा बर्फी या अंजीर कतली मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से उनके क्रोध व रोगी से आराम मिलगे

धनु: भाई की राशि धनु है वो पीले रक्षासूत्र वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें बेसन चक्की या जलेबी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से नौकरी व्यापार की बाधा दूर होगी

मकर: आपके भाई की राशि मकर है वो परपल रक्षासुत्र वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें काला गुलाबजामुन मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से जीवन की सभी बाधा दूर होगी

कुम्भ: भाई की राशि कुम्भ है वो नीले धागे वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें सोहन हलवा या सोहन पपड़ी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने सेउनको धन सम्पति लाभ होगा

मीन: भाई की राशि मीन है वो पीले रक्षासुत्र वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें केसर बाटी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से मन स्वच्छ होगा

रक्षाबंधन की कथा हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार देवताओं और असुरों के बीच में युद्ध हुआ था। जो 12 वर्षों तक चला था। जिसके अंत में दानव जीत गए थे। दानवों ने इसके बाद देवताओं के राजा-इंद्र के सिंहासन पर कब्जा कर लिया, बल्कि तीनों लोकों पर कब्जा कर लिया। जब इंद्र युद्ध हार गए तब सभी देवता गुरु बृहस्पति जी के पास गए और उनसे इस समस्या का निदान करने को कहा।बृहस्पति ने इंद्र को कुछ मंत्रों का जाप करने की सलाह दी। जिससे उन्हें सुरक्षा प्रदान हो सके। देवगुरु बृहस्पति ने श्रावण मास के दिन मंत्रों का उच्चारण शुरु किया।

रक्षाबंधन के मंत्र
येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः

पूजा विधि: राखी बांधने से पहले भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठा लें। फिर भाई के माथे पर तिलक लगाएं और उन्हें रक्षा सूत्र बांधें। भाई की आरती उतारें। मुंह मीठा करें। राखी बंधवाने के बाध भाई अपनी इच्छानुसार बहनों को भेंट देते हैं।