देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कच्चाथीवू मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो आज अचानक उठ गया हो। यह मुद्दा लगातार संसद और तमिलनाडु में उठता रहा है, इस पर बहस हुई है। इस मुद्दे पर मैं वर्तमान मुख्यमंत्री को 21 बार जवाब दे चुका हूं।
‘कांग्रेस और DMK नेता दिखावा कर रहे हैं’
एस जयशंकर ने आगे कहा कि कांग्रेस और DMK दिखावा कर रहे हैं कि उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है और यह हालिया मामला है। जबकि, उन्होंने ही इसे अंजाम दिया था। जनता को यह जानने का अधिकार है कि 1974 में कच्चाथीवू को कैसे दे दिया गया। डीएमके नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि को भी इस समझौते की पूरी जानकारी थी।
‘कांग्रेस प्रधानमंत्रियों ने इस मुद्दे पर उदासीनता दिखाई’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्रियों ने इस मुद्दे पर उदासीनता दिखाई। कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को दे दिया गया, भारतीय मछुआरों के अधिकार छोड़ दिये गये। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु को एक छोटा द्वीप और एक छोटी चट्टान कहा।