होली पर कहीं जलते अंगारे पर चलते लोग तो कहीं 25 फीट की ऊंचाई पर बांधते हैं बकरा, पढ़ें MP की कुछ अनोखी परम्पराएं

देश भर में बीतें कुछ दिनों से रंगों के त्यौहार होली की धूम है। लेकिन मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से होली के इस पर्व पर रायसेन जिले से कुछ ऐसी अनोखी परम्पराओं का वीडियो सामने आया है। जिसे देखकर और उनके पीछे की मान्यताओं के बारें में जानकार आप भी हैरान हो जाएंगे।

रायसेन जिले के ग्राम चंद्रपुरा में और ग्राम मेंहगवा में होली मनाने की परंपरा वर्षों पुरानी है। जहाँ होलिका दहन से रंग पंचमी तक परंपरा को मनाया जाता है। हालांकि देश के अलग-अलग हिस्सों में काफी अनोखे तरीके है होली मनाने के। कहीं लोग फूलों से होली खेलते तो कही कीचड़ से। लेकिन इन सबके बीच रायसेन के इन गाँवों की परम्पराएं काफी अलग है।

यहाँ आस्था और श्रद्धा की वजह से ग्रामीण धधकते हुए अंगारों के बीच नंगे पैर निकलते हैं। जिसमें गाँव के बच्चे, बुजुर्ग तथा महिलाएं भी हिस्सा लेती है। लेकिन बच्चों, महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक के पैर नहीं जलते। आश्चर्य की बात ये है कि ग्रामीण इस परम्परा को कई सालों से निर्वहन कर रहे है। वहीं इसके पीछे ग्रामीण बुजुर्गों का कहना है कि परंपरा निभाने से गांव में प्राकृतिक आपदा नहीं आती है। सुख शांति समृद्धि के लिए वर्षों पुरानी प्रथा निभाई जाती है।

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इसके साथ ही होलिका दहन के दूसरे दिन हलारिया गौत्र समाज कुल देवता मेघनाथ बाबा की पूजा करता है। पूजा के दौरान 25 फीट ऊंचे 2 खंभों पर मचान बनाकर एक बकरे को बांधकर घूमाया जाता है। वहीं इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि कुलदेवता के आशीर्वाद से लोगों को कोड़ों की मार का अहसास तक नहीं होता। साथ परंपरा निभाने से गांव में समृद्धि और समरसता का माहौल बना रहता है।