नई दिल्ली। सेना दिवस के मौके पर आज भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने पडोसी देश चीन-पाकिस्तान को चेताया। सेनाध्यक्ष ने दोनों देशों को स्पष्ट सन्देश देते हुए कहा कि, हमारे धैर्य की परीक्षा ना लें। दरअसल, राजधानी दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का निरीक्षण और सैनिकों को उनकी वीरता के लिए सम्मानित करने के बाद नरवणे ने एक संबोधन में दोनों पड़ोसी देशों की नापाक हरकतों पर टिप्पणी की।
सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि बीता साल हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहा। उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव से आप परिचित हैं। एकतरफा बदलाव की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। सेनाध्यक्ष ने कहा कि देश को विश्वास दिलाना चाहूंगा कि गलवान के शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगा। भारतीय सेना देश के सम्मान पर कोई आंच नहीं देगी। हम बातचीत और राजनीतिक प्रयासों से विवाद के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन कोई भी हमारे धैर्य की परीक्षा ना लें।
साथ ही सम्बोधन में उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि हम उनके नापाक इरादों को सफल नहीं होने देंगे। सेनाध्यक्ष ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर भी दुश्मन के हर नापाक इरादे का करारा जवाब दिया जा रहा है। आंतकियों को प्रश्रय देने की अपनी आदत से पाकिस्तान लाचार है। सीमा पार 300-400 आतंकी घुसपैठ के इरादे से बैठे हैं। लेकिन हम उनके इरादे सफल नहीं होंने देंगे।
सेनाध्यक्ष ने आगे कहा कि सेना के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में ना केवल हिंसा की घटनाओं में काफी गिरावट आई है बल्कि आवाम को भी आतंकवाद से राहत मिली है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा सेना अपने आधुनिकीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। आपातकालीन और फास्ट-ट्रैक योजनाओं के तहत, सेना ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे और पूंजीगत खरीद के तहत पिछले वर्ष में 13,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।